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दास्ता ए दिल

18 फरवरी 2022

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अरमान हमारे दिलों के टूटे कांच की तरह बिखर गए था जिन लोगों से रूहानी वास्ता हमारा ना जाने वो लोग किधर गए सैलाब उड़ा कर लें गया सर से हमारी छत को पढ़ने को अब सिर्फ किस्से रह गए भीगे तो हम भी बहुत इस बार आसुओं की बारिश में देखने को अब सिर्फ फोटो रह गए l

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