अधीरा अपने पीछे गार्ड्स को अपने हाथ में गन लिए खड़ा देखती है और फिर मिवान को देखकर कहती है "और अगर मैं ना करूं तो,तुम मेरी नानी मां को मार दोगे,"
मिवान अधीरा का सवाल सुनकर उसे घूरते हुए कहता है "ना करने की कोशिश करके देख लो, तुम्हारे घर के हर एक इंसान को मौत से बदतर सजा दूंगा,यकीन नहीं आता तो अपनी नानी मां के पास खड़ी नर्स को देख लो,जिसके हाथ में अभी तुम्हारी नानी मां की मेडिसिन है और मुझे तुम्हें ये बताने की जरूरत नहीं है की अभी इस वक्त उन्हें मेडिसिन की कितनी जरूरत है,"
अब आगे......
अधीरा कुछ सोचते हुए कहती है "ठीक है, मैं तुमसे शादी करने के किए तैयार हूं,मेरी नानी मां को खरोंच नहीं आनी चाहिए,वरना मैं तुम्हारे साथ क्या कर सकती अंदाजा नहीं है तुम्हें,"
अधीरा का एटीट्यूड देखकर मिवान के चेहरे पर टेढ़ी मुस्कान आ जाती है, और वो अधीरा को देखकर कहता है "खुद को कुछ ज्यादा ही स्मार्ट नहीं समझती पता भी किसके सामने खड़ी हो,"
अधीरा मुंह बनाते हुए कहती है "क्यों तुम्हें नहीं पता है क्या...? और तुम्हें शादी नहीं करनी है क्या...?"
मिवान उसे अपने साथ चलने का इशारा करता है और उसे लेकर एक पार्लर में पहुंचता है मिवान को देखते ही पार्लर वाली लड़की अधीरा को अपने साथ ले जाती है,
अधीरा बार बार किसी को कॉल करते हुए कहती है "भाई कॉल रिसीव करो,आपकी बहन को ये बरहम इंसान शादी करने एक लिए ले जा रहा है,"
अधीर मैसेज सेंड करके वैट करने लगती है लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आता है,अब अधीरा को सच में डर लगने लगता है और वो घबराहट की वजह से अपने रिंग को खोलने पहनने लगती है,
अधीरा के मास्क को वो पार्लर वाली उतारने लगती है तो अधीरा जल्दी से अपना मास्क सही करते हुए कहती है "मेकअप की जरूरत नहीं है,शादी घुंघट में होनी है,"
अधीरा की बात सुनकर वो लड़की कहती है "लेकीन आपकी शादी,"
अधीरा अपनी चुनरी लेकर बाहर आ जाती है तो मिवान उसे कार में बैठने का इशारा करता है,मिवान अभी भी किसी से कॉल पर बात कर रहा था, अखंड कार ड्राइव कर रहा था और वो अपनी जिंदगी के बारे में सोचते हुए कहती है "भाई आ जाओ ना,मुझे बचा लो आपकी बहन को ये बेरहम इंसान पता नहीं क्यों लेकर जा रहा है,"
राज़दान मेंशन
घर बहुत खूबसूरती से सजा हुआ था, हर तरफ मेहमान मौजूद थे,पंडित जी एक तरफ देखकर कहते हैं "सांधवी जी वर और वधू को बुलाइए,"
सांधवी जी (मिवान की बड़ी मां) मुस्कुराते हुए कहती है "जी पंडित जी,"
सांधवी जी इधर उधर नजरें घुमाते हुए एक ओर देखती हैं और फिर सामने दो औरतों को देखकर कहती हैं "अराध्या अस्मिता,जाओ जल्दी से अनाहिता को ले आओ,"
अराध्या जी (अंविता की मां) अस्मिता जी (अंविता की छोटी मां) दोनों की आंखों में हल्की नमी थी लेकिन दोनों ही मुस्कुराते हुए अंविता के कमरे की तरफ चली जाती हैं,
सांधवी जी एक आदमी के पीछे जाकर उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहती हैं "वीर,सुनिए ना,"
विराज राजदान अपने नाम की तरह ही रफ ऐंड टफ लेकिन अपनी बीवी के सामने तो वो कॉटन कैंडी की तरह नरम थे,
विराज जी मुस्कुराते हुए कहते हैं "जी कहिए बीवी साहिबा,"
सांधवी जी मुंह बनाते हुए कहती हैं "वान अभी तक आया नहीं है और शान उसका तो कोई अता पता ही नहीं है,ये दोनों भाई मिलकर मुझे पागल कर देंगे,"
विराज जी प्यार से सांधवी जी का हाथ थामते हुए कहते हैं "अरे ऐसे कैसे पागल कर देंगे, मैं उन दोनों को टांगे दौड़ दूंगा, और आप ऐसे फिक्र मत कीजिए मैं हूं ना,अभी आपके दोनों बेटों का पता लगाता हूं,"
सांधवी जी जल्दी से कहती हैं "सिर्फ पता नहीं लगाना है मंडप में लाना भी है, चाहे शादी जिन भी हालातों में हो रही है लेकिन शादी तो शादी होती है ना,लेकिन वान अभी तक नहीं आया है,"
विराज जी सांधवी जी का हाथ प्यार से सहलाते हुए कहता है "आपका छोटा बेटा तो सामने अपने चाचू के पास है और बड़ा बेटा वो भी आता ही होगा,परेशान मत होइए,"
सांधवी जी पलटकर देखती हैं तो विशान अपने चाचू के साथ हंसते हुए कुछ बात कर रहा था और दोनों ही बेफिक्र होकर आइस क्रीम खा रहे थे,
इतने में वहां एक औरत आती है जिसने डिजाइनर साड़ी पहनी हुई थी,दिखने भी अभी भी बहुत यंग लग रही थी,मिनिमल ज्वेलरी में भी वो औरत बहुत खूबसूरत दिख रही थी,
वो औरत विशान के पास जाकर कहती है "विशान जरा मेरे हसबैंड को अकेले में छोड़ोगे मुझे उनसे बहुत जरूरी बात करनी है,"
विशान बस मुस्कुराते हुए वहां से चला जाता है तो वो औरत कहती है "मिहिर सच सच बताओ मिवान कहां है...? अगर मिवान ने शादी नहीं की ना तो सच बता रही हूं जो सालों से राज मैंने छुपाके रखा है ना उसे दुनिया के सामने लाने से पहले एक बार नहीं सोचूंगी मैं,"
मिहिर जी एक बड़ी सी मुस्कान लिए कहते हैं "पता है जब तुम ऐसे मिवान की शिकायत लेकर जब मेरे पास आती हो,मेरे दिल को इतना सुकून मिलता क्या ही बताऊं,बहुत प्राउड फील होता है अपने बेटे पर,"
मिहिर जी हंसते हुए आइस क्रीम खाने लगते हैं तो शरण्या जी गुस्से में अपनी मुट्ठी कसते हुए कहती है "यहां शादी में अभी तक तुम्हारा बेटा नहीं आया है और तुम आराम से आइस क्रीम खा रहे हो,"
मिहिर जी कुछ सोचते हुए जल्दी जल्दी आइस क्रीम खाने लगते हैं तो शरण्या जी मिहिर जी को घूरते हुए कहती हैं "ये कैसे खा रहे हो,आराम से खाओ,"
मिहिर जी अब मुंह बनाते हुए कहते हैं "तुम डिसाइड कर लो,आराम से खाऊं या नहीं,क्योंकि जब मैं आराम से खा रहा था तब भी तुम्हें प्रॉब्लम थी और जब नहीं खा रहा तब भी तुम्हें प्रॉब्लम है, मैं चाहे कुछ भी कर लूं,तुम्हारी जैसी चुड़ैल को मैं कभी खुश नहीं कर सकता,"
मिहिर जी के मुंह से अपने लिए चुड़ैल सुनकर शरण्या गुस्से में मिहिर जी को घूरते हुए कहती है "क्या कहा तुमने चुडैल,चुडैल दिखती हूं मैं तुम्हें,"
मिहिर जी जल्दी में ना में सिर हिलाते हुए कहते हैं "चुड़ैल भी तुमसे अच्छी होती होगी लेकिन तुम तो चुड़ैल से भी बदतर हो,"
शरण्या जी गुस्से में मिहिर जी को कुछ कहती उससे पहले ही अराध्या जी और अस्मिता जी रोते हुए आती हैं और कहती हैं "अंविता अपने रूम में नहीं है, मेकअप आर्टिस्ट कह रही हैं वो कहीं चली,"
अब मेहमानों में ये बात होने लगती है तो मिहिर जी हंसते हुए कहते हैं "ये लो दुल्हन भी गायब हो गई है,"
शरण्या जी गुस्से में मिहिर को घूरते हुए कहती हैं "मिहिर ये क्या तरीका है गेस्ट क्या सोचेंगे,"
मिहिर जी आइस क्रीम को टेबल पर रखते हुए कहते हैं "तुम कब से लोगों के बारे में सोचने लगी, सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को,"
मिहिर जी आइस क्रीम शरण्या को आइस क्रीम देते हुए कहते हैं "ये लो खाओ और चिल करो,तुम्हारे सोचने से कुछ नहीं होने वाला है वो मिवान राज़दान है वो अपनी मर्जी के खिलाफ कोई काम नहीं करता है,उसे अपने इधारों में नचाने के बारे में सोचना भी मत,"
मिहिर जी आइस खाते हुए विशान के पास जाते हुए कहते हैं "क्या लगता है ये शादी होगी...?"
विशान आइस क्रीम टेबल पर रखते हुए कहता है "द मिवान राजदान ने कहा है शादी होगी तो होगी,चाहे तूफान आए,फिर बाढ़ या फिर खुद भगवान ही क्यों ना आ जाए, मिवान राजदान अपनी बात को पूरा जरूर करेगा,"
मिहिर जी मुस्कुराते हुए कहते हैं "हां लेकिन दुल्हन है कहां...?"
"दुल्हन यहां है....?"
सबकी नजरें दरवाजे की तरफ चली जाती हैं मिवान ने व्हाइट कलर का शर्ट बीज कलर का पैंट,साथ ही बीज कलर का कोट पहन रखा था, और वो अभी अधीरा का हाथ पकड़े मंडप की तरफ ही आ रहा था, अधीरा ने दुल्हन का जोड़ा पहना हुआ था साथ ही घूंघट किया था,
अधीरा को देखकर आराध्या जी जल्दी से उसके पास जाते हुए कहती हैं "कहां चली गई थी बेटा..?"
अधीरा कुछ कहती उससे पहले ही मिवान कहता है "ये सब बातें बाद में कर लीजिएगा,अभी शादी ज्यादा इंपोर्टेंट है,"
अस्मिता जी कहती हैं "बेटा शादी से पहले शेरवानी पहन लेते,"
मिवान बिना किसी भाव के कहता है "शादी मुझसे होनी है या शेरवानी से,"
विशान हल्की हंसी के साथ कहता है "सेवेज रिप्लाई,"
अब कोई कुछ नहीं कहता है मिवान तेज कदमों से मंडप की और जा रहा था और अधीरा धीरे धीरे आस पास देखते हुए चल रही थी,ताकि वो किसी को बता सके की वो अंविता नहीं है,
मिवान अब मंडप में चढ़ते हुए धीरे से अधीरा के कान में कहता है "अगर कोई चालाकी करने की सोची तो तुम्हारी नानी मां हाल सोच लेना,इसलिए जितनी जल्दी हो सके शादी करो मुझसे,"
अधीरा धीरे से खुद में बड़बड़ाते हुए कहती है "बहुत शौक है ना शादी करने का,लॉर्ड कृष्णा की कसम तुम्हारी जिंदगी में शादी होते ही भूचाल नहीं आया ना तो मैं भी लॉर्ड कृष्णा की क्यूट सी दीवानी नहीं,"
मिवान अधीरा की बात सुनकर कहता है "लेट्स सी किसकी जिंदगी में क्या होता है,"
पंडित जी के कहे अनुसार दोनों एक दूसरे को वरमाला पहनाते हैं और फिर कन्यादान के आराध्या जी और धवन जी आते हैं, दोनों की आंखों में नमी थी अपनी इकलौती बेटी को जो विदा कर रहे थे,
अस्मिता जी गठबंधन करते हुए कहती हैं "कृष्ण जी सात जन्मों का साथ रखें,"
एस अब दोनों फेरे लेते हैं और फिर मिवान अधिरा के गले में मंगलसूत्र पहना देता है और फिर जब वो सिंदूर के लिए हाथ बढ़ाता है तो उसके अंगूठे में उसे अधीरा का दिया हुआ चोट नजर आता है, मिवान को रुका हुआ देखकर सांधवी जी प्यार से कहती हैं "वान,बेटा मांग भरो अपनी बीवी की,"
मिवान एक मुट्ठी सिंदूर में उठाता है और अधीरा की मांग भर देता है जिससे अधिरा की आंख में सिंदूर चला जाता है,तो अधीरा गुस्से में दांत पीसते हुए कहती है "अंधे हो मांग में सिंदूर भरा जाता है और आंख में नहीं,"
मिवान आधिरा के करीब जाते हुए कहता है "जब मांग में सिंदूर भरा जाता है तो लड़कियां अपनी आखें बंद करती हैं,इतना भी नहीं पता तुम्हें,"
अधीरा मिवान को घूरते हुए कहती है "शादियां करने का पार्ट टाइम जॉब नहीं करती मैं जिसे एक्सपीरियंस होगा, आह मेरी आंखें जल रही हैं,"
मिवान भी एटीट्यूड में कहता है "हां तो मैंने भी इससे पहले हजार शादियां नहीं की है जिसे पता होगा की मांग में सिंदूर कैसे भरते हैं,नेक्स्ट टाइम जब शादी करूंगा तो अच्छे से भरूंगा,"
अधीरा मुंह बनाते हुए कहती है "बेचारी की फूटी किस्मत जिससे तुम्हारी शादी होगी,"
"तुम्हारी तरह," मीवान तपाक से कहता है तो अधिरा का मुंह बन जाता है,
पंडित जी घर के बड़ों का आशीर्वाद लेने को कहते हैं तो मीवान आधीरा का हाथ पकड़कर सबसे पहले विराज जी और सांधवी जी के पास जाता है,
दोनों उनके पैर छूते हैं तो विराज जी और सांधवी जी उन्हें ढेर सारे आशीर्वाद देते हैं,अब मिवान अधीरा को लेकर अंविता के पेरेंट्स के पास जाता है,ऐसे ही अधीरा सबके पैर छूते हुए मिहिर जी के पास पहुंचती है तो मिहिर जी उसे रोकते हुए कहते हैं "बेटियां पैर नहीं छूती,हमेशा खुश रहो,"
मिवान उन्हें इग्नोर करते हुए अपने फोन में लग जाता है मिहिर जी मिवान के सिर पर हाथ रखने के लिए अपना हाथ बढ़ाते हैं तो मिवान उन्हें घूरते हुए कहता है "सोचिएगा मत मिस्टर राजदान,"
मिहिर जी अपने हाथ खींच लेते हैं उनके चेहरे पर दर्द साफ नजर आ रहा था,
अधीरा मिहिर जी के बगल में खड़े विशान के पैर छुने लगती है तो विशान बंदर की तरह उछलते हुए कहता है "भाभी क्या कर रही हो मैं आपका इकलौता देवर हूं,क्यों शर्मिंदा कर रही हो,"
अधीरा मिवान के बांह को पकड़कर अपनी ओर खिंचते हुए कहती है "बता नहीं सकते थे,"
मिवान हल्की हंसी के साथ कहता है "तुम्हें ही सबके पैर छुने का शौक था मैंने तो नहीं कहा था,अब छूते रहो सबके पैर,"
अधीरा मीवान की बात सुनकर कहती है "इतनी बड़ी फैमिली है ना इसलिए ऐसा बोल रहे हो,जिनकी नहीं है उनसे पूछो आशीर्वाद का मतलब क्या होता है,"
अधीरा की बात सुनकर मिवान कुछ नहीं कहता है कुछ लड़कियां अधीरा को लेकर चली जाती हैं,सब लोग गार्डन में बातें कर रहे थे इसलिए मिवान धवन जी के पास जाते हुए कहता है "अंकल,मुझे मांगने की आदत नहीं है आप जानते हैं,इस वक्त ये बात करते हुए मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा है लेकिन आप जानते हैं जो मेरा है मुझे वो किसी के पास बर्दास्त नहीं है,"
धवन जी मुस्कुराते हुए कहते हैं "हां पता है मुझे, इसलिए मैं अपने साथ ही लाया हूं, चलो तुम्हारी अमानत तुन्हें सौंपता हूं,"
धवन जी आपने कार से एक बॉक्स और एक फाइल निकालकर मिवान को देते हुए कहते हैं "मेरी बेटी की जन्म से लेकर आज तक हमेशा मैं वहां कोई ना पौधा लगाता आया हूं,बेहतर होगा की तुम वहां उन पेड़ों को हर्ट ना करो,"
मिवान उस फाइल को देखते हुए बस हम्म कहता है,कुछ देर बाद सब लोग चले जाते हैं,अब मिवान अपने रूम में जाता है और अधीरा को देखकर कहता है "चलो अब क्या जिंदगी भर यहीं रहने का इरादा है,"
अधीरा अपना घूंघट फेंकते हुए कहती है "तुम्हारे साथ सांस लेना मुश्किल है,जिंदगी साथ बिताऊंगी शक्ल देखी है अपनी,"
मिवान अपने कोट को साइड में फेंकते हुए कहता है "बहुत बार, इंडिया के मोस्ट एलिजिबल बैचलर्स में मेरा नाम सुमार है,लड़कियां मरती हैं मेरे एक लुक को देखने के लिए,"
अधीरा मुंह बनाते हुए कहती है "मर ही जाए वही बेहतर है,अब जल्दी से मुझे यहां से निकालो,"
मिवान अधीरा का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचता है और उसका चेहरा अपने सीने में लगाते हुए कहता है "बड़ी मां आई हैं,चुपचाप अपना चेहरा छुपाए रखो,ऐसे ही,"
अधीरा मिवान के दिल की धड़कनों को सुनते हुए अपने हाथ मीवान के पीठ में रख देती है,
उन दोनों को ऐसे देखकर सांधवी जी मुस्कुराते हुए दरवाजा बंद कर देती हैं और चली जाती हैं,
उनके जाते ही मिवान अधिरा को खुद से छुड़ाते हुए कहता है "छोड़ो मुझे अभी तो तुम्हें मेरी शक्ल पसंद नहीं आ रही थी,और अब मेरी बाहों में आ गई हो,मेरी इज्जत में एक आंच भी आई ना तो case कर दूंगा मेरा दोस्त लॉयर है,"
अधीरा मिवान से अलग होते हुए कहती है "हां तो मेरा भाई भी,पुलिस ऑफिसर है वो भी तुम्हें छोड़ेगा नहीं अगर तुमने कुछ किया तो,"
मिवान अधीरा की तरफ बढ़ते हुए कहता है "ठीक है जो होगा देखा जायेगा,अभी तो कोई नहीं शादी की रात की रस्म भी कर ही लेते हैं,फिर देखता हूं तुम्हारा भाई कौन सी धाराएं लगाता है मुझपर,"
अधीरा मिवान को ऐसे अपने करीब आते हुए देखकर जल्दी से बेड पर चढ़ जाती है तो मिवान अधीरा को देखकर कहता है "क्या बात है बीवी,लगता है तुम्हें कुछ ज्यादा ही जल्दी है....😉...!"