18 अक्टूबर 2022
7 फ़ॉलोअर्स
क्या लिखूं पहचान अपनी कलम सब बयां कर ही देगीD
आज २२ सितंबर २०२२ है और आज के दिन पिछले ३-४ सालों में पहली बार ऐसा लगा की मैंने एक सही इंसान से प्यार किया है , ऐसा नहीं है की मैं तब तुमसे प्यार नहीं करती थी और आज से करने लगी हूं । मैं प्यार पह
जब मैं दुनिया को अलग रखकर तुम्हारे बारे में सोचती हूं तो पूर्ण समर्पित हो जाती हूं तुम्हारे प्रति परंतु जब सारे रिश्ते नाते , दुनिया दारी के साथ तुम्हें सोचती हूं तो शक होता है मुझे तुमपे की तुम धोखा
मुझे डर लगता तुम्हें खोने से क्योंकि इससे पहलेभी मैंने ऐसा ही कुछ खोया था इसलिए मैं तुमसेउलझती हूं , झगड़ती हूं , पर इसका मतलब येनहीं है की मैं तुम्हे जीतते हुए नहीं देखना चाहतीसुनो मैं तुमपे शक करूं
जो झगड़ा हुआ हमारे बीच परसों, मुझे नहीं पता था की उसका अंजाम इतना भयानक होगा , मैने तुमसे कल माफी भी मांगी की मुझे माफ करदो, समय तकलीफदेह है परंतु हम दोनो को लड़ना होगा मिलकर,पर मेरी इस बात के तु
आज दिन में लेटे लेटे अचानक से बहुत उलझन सी होने लगी , एक अजीब तरह की बेचैनी ने मेरे मन मस्तिष्क को धर दबोचा , एक पल को मैं अपना संतुलन खो चुकी थी । एक तीक्ष्ण पीड़ा मेरे हृदय में अचानक से उठी प्र
तुम्हारे दोस्त को मैंने जो msg किया था , आज सुबह उठकर टेलीग्राम देखा था तो उसने वो msg देखा नहीं था , ये बात दुखदाई थी ...मेरे लिए, परंतु फिर भी मैं टेलीग्राम खोलने के बाद मुस्कुराई क्योंकि तुमने फिर
तुम्हें पता है आज तुम्हारे दोस्त का रिप्लाई आया उसने कहा "hello , who are you "मैंने जवाब में लिखा की "Do you know about Rohan sharma??"मैंने लिख तो दिया है पर मुझे डर लग रहा है पता नहीं वो क्या प्रति
पता नहीं क्यूं कभी कभी दिल कहता है की तुम जरूर आओगे हालांकि मैं जानती हूं की जिस तरह तुम मुझसे रुखसत होकर गए हो ,वैसे तो शायद ही तुम्हारा लौटना संभव हो।पंरतु फिर भी न जानें क्यूं हृदय के गर्त से एक मद
माफ करना दो दिन हो गए मैंने डायरी नहीं लिखी, वो इसलिए क्योंकि मेरी तबियत काफी ज्यादा खराब थी । मैंने जो उस दिन msg डाला था तुम्हारे दोस्त को जिसमें पूछा था मैंने की क्या वो तुम्हें जानता है ??मैं
16 अक्टूबर को मैं लखनऊ गई थी PET की परीक्षा देने। जैसे ही मैंने लखनऊ में कदम रखा तुम्हारी यादें मुझे धीरे धीरे जकड़ने लगीं। याद है तुम्हें वो बस स्टैंड जहां उतर कर मैं तुम्हारा इंतजार किया करती थी और
आज(16 अक्टूबर) मैंने पहली बार मेट्रो में सफर किया , बहुत अलग सी अनुभूति हुई । क्योंकि जब भी हम कोई चीज पहली बार करते हैं तो उसका अनुभव उसका मजा कुछ अलग ही होता है, वो पहली बार किया जाने वाले कार्य में
इन दिनों श्रद्धा केस की बातें चारों तरफ गूंज रही हैं, मुझे नहीं पता की इससे कौन कितना प्रभावित हुआ परंतु हां मैं इस केस के बाद काफ़ी सहमी हुई हूं सोचती हूं की ये दुनिया ये लोग कितने बुरे होते जा रहे ह
आज मुझे शब्दांचल की तरफ से सर्वश्रेष्ठ कहानी पुरुस्कार मिला जिसमे ट्रॉफी और सम्मान पत्र था , तुम्हें पता है ये खुशी मैं सबसे पहले तुमसे बांटना चाहती थी , पर अफसोस की तुम ........तुम मेरे पास नहीं हो औ
आज फिर मैं काफी दिनों बाद लिखने आई हूं आपको पता है हां "आपको" आज से फिर मैं आपको को आप कहकर संबोधित करने वाली हूं वैसे इसमें हैरान होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि पिछले महीने यानी की नवंबर में
कितना कठिन है न सबको साथ लेकर चलना। पता है आजकल मैं एक दुविधा में हूं और उसका सॉल्यूशन भी मैं कोशिश करने के बाद भी नहीं ढूंढ पा रही , क्योंकि जो सॉल्यूशन है वो है धैर्य और आपको तो पता है ना प्रियंका स
आपको पता है आज मुझे बहुत हंसी आ रही थी पता है क्यूं ??वो आपको बताया था न मैने की मेरी जो साक्षी है उसका कोई bf है।पता है आज वो मेरे घर आई घर पर कोई था नहीं सिर्फ मैं थी अकेले तो उसने मुझसे मेरा मोबाइल
आज भी मेरे पास बहुत कुछ है लिखने के लिए । इस दौरान कई सारी बातें कई घटनाएं हुई हैं और सारी बातें मैं साझा भी करना चाहती हूं पर नहीं.....नहीं करूंगी मैं और आज के बाद कोई भी बात साझा नही करूंगी क्योंकि
मैं अलविदा ले चुकी थी डायरी लिखने से पर मैं फिर आ गई.... पता है मेरी यही सबसे बड़ी कमी है मैं अपनी बात पे कायम नही रह पाती , और उन लोगों से नाराज नहीं रह पाती ज्यादा देर तक जिन्हें मैं प्यार करती हूं।
आज एक पत्र लिखा था आपके लिए सोचा था आपको इंस्टाग्राम पर भेज दूंगी अरे वो जो अनूप पांडे की id है उसी पर ....अकाउंट ओपन किया मैंने अपना पर फिर न जाने क्यों हिम्मत नहीं हुई दिल ने गवाही नहीं दी इसलिए नही
आपको पता है आज मैं संध्या से बात कर रही थी तो उसने मुझसे बोला की आज किसी का बर्थडे है मैने कहा आज किसका है तो कह रही है की अरे उन्ही का सोच लो अगर भूल गई तो तुम्हारी खैर नहीं ....और मैं अचानक से सन्न