गाँव की गलियों से खेतों खलिहानों से गुज़र कर स्वप्न नगरी मुंबई जहां सितारों की दुनिया से मेरा वास्ता हुआ। साहित्य, कला, संगीत जो ईश्वरीय उपहार स्वरूप जन्मजात मिला था, इन्हीं तीनों कश्तियों की सवारी करते हुए ज़िंदगी के कई साल गुजर गए। फिल्मी दुनिया मे अ