जीवन चक्र भी बहुत अजीब ही है। हर रोज़ नए नए पाठ पढ़ाता है। लेखक या कवि होने के नाते, यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने आस-पास होने वाली घटनाओं को कलमबद्ध करें। अपनी भावनाओं को इकट्ठा करें और फिर उन्हें शब्दों में पिरोकर पेश कर दें।
तो चलिए एक सफर में चलते हैं जहां जैसी भावनाएं उमडेगी हम उसी का जिक्र करते चले जायेंगे।
इस सफर में किस्से कहानियां तो होंगी ही साथ में जीवन के कई अच्छे बुरे अनुभव भी पढ़ने को मिलेंगी।
तो स्वागत है आप सबों का मेरे इस नए और रोचक सफर में जिसका नाम है - भावनाएं।