मेरा वजूद है मत मान यूँ फिजूल मुझे..!
न हो यकीन तो बेहतर यही है, भूल मुझे..!!
मुझे बदल के जो हासिल भी कर लिया तो क्या..
मैं जिस तरह भी हूँ वैसे ही कर कुबूल मुझे..!!
- कुमार आशू
2 अक्टूबर 2021
मेरा वजूद है मत मान यूँ फिजूल मुझे..!
न हो यकीन तो बेहतर यही है, भूल मुझे..!!
मुझे बदल के जो हासिल भी कर लिया तो क्या..
मैं जिस तरह भी हूँ वैसे ही कर कुबूल मुझे..!!
- कुमार आशू
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विद्यार्थी, कवि एवं समीक्षक मेरी कविताओं को सुनने के लिए आप youtube पर 'kumar ashu poetry' पर सुन सकते हैं। youtube.com/kumarashupoetry facebook.com/kavikumarashu facebook.com/kumarashupoetry D
शानदार सर 🙏🙏🙏🙏
2 अक्टूबर 2021