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बिना विचार जो करे सो पाछे पछताए (कहानी)

9 दिसम्बर 2020

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रसीला एक किसान था जो खेती के साथ गाय, मुर्गी और बकरिओं को पालता था | वह एक आम इंसान था जो हर रोज़ आपने खेत के फसलों को देखता | रसीला की महीने की कमाई पूरी तरह से इस्तेमाल हो जाती थी, और बाकि के काम के लिए कुछ बचता नहीं था - उसका हमेशा मन था के एअक बड़ा घर बनाले और आपने परिवार के साथ उसमे ख़ुशी से रहे | दिन बीतत गया और एक दिन उसने बाजार से एक मुर्गी खरीदकर लाई, वो दिखने में किसी आम मुर्गी की तरह थी इसलिए रसीला ने उसके बारे में ज़ादा कुछ सोचा नहीं | अगले दिन सुबह रसीला यह देखकर हैरान था की बाजार से लाइ हुई नई वाली मुर्गी ने एक सोने का अंडा आपने घोसले में दिअ था | इसे देख कर रसीला निशब्द रह गया | उसने तुरंत अंडे को बेचकर अचे रुपये पाए , वह मुर्गी रोज एक सोने का अंडा देती थी |

कुछ दिनों में रसीले आमीरों की जीवन जीने लगा| एक दिन , एक से अधिक अंडे को पाने के लालच के चलते उसने मुर्गी के पेट से अंडे निकलने के कोशिश की जिसका नतीजा उसे एक भी सोने का अंडा नहीं मिला और मुर्गी भी ना बच पाया | इसके बाद वह आमिर न रह पाया |
इस कहानी से हम दो सबक ले सकते है
एक , लालच बुरी भला है और बिना सोचे समझे कोई कदम उतने से बाद में पछताने पड़ता है - जैसे रसीला ने जो कदम उठाया यह मानते हुए की उसे और लाभ मिलेगा लेकिन अंत में कुछ भी हासिल नहीं हो पाया और उसने अपनी मुर्गी मभी खो ली -जिसका नतीजा वह आमिर न रहा और आगये पछताया |

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