पहली बार में चांदनी चौक के एक सुनार को लूटने में नाकाम होने के बाद जहां बदमाशों ने हार नहीं मानी और दूसरी बार में अपनी गलतियों से सबक सीखकर पुरे 15 दिन तक टार्गेट की रैकी करके फूलप्रूफ प्लान बनाया और 50 लाख कीमत का 900 ग्राम गोल्ड लूट कर फरार हो गए, वहीं क्राईम ब्रांच एंटी रोब्बरी एंड स्नेचिंग सेल शकरपुर की टीम ने क्राइम सीन से रिवर्स रूट तैयार करके लूट की वारदात को अंजाम देने वाले तीन डकैतों को दबोच लिया। गिरफ्तार डकैतों की पहचान 26 वर्षीय फाजिल उर्फ सलमान, 23 वर्षीय अरुण कुमार व 23 वर्षीय बचन तोमर के रूप में हुई है। डकैतों के पास से क्राइम में इस्तेमाल चोरी की बाइक, एक लाख सतर हजार नगद व डकैती के पैसों से खरीदें गए चार नये मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। स्पेशल स्टाफ शाहदरा की टीम भी इस डकैती में शामिल 4 बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है। डकैती में कुल नौ लोग शामिल थे, जिनमें से सात को दबोच लिया गया है और बाकी दो बदमाश फरार है।
डकैती का बनाया था फुलप्रूफ प्लान, लेकिन कर बैठे एक गलती दिनांक एक दिसम्बर को थाना गीता कॉलोनी इलाके में यमुना नदी फ्लाईओवर के ऊपर शाम लगभग 7 बजे दो मोटर साइकलों पर सवार पांच हथियार बंद बदमाश एक मारुति ब्रेजा का शीशा तोड़कर 50 लाख कीमत के 900 ग्राम सोने के जेवरात लूटकर फरार हो गए थे। पीड़ित विकास मेहरा के ब्यान पर थाना गीता कॉलोनी में एफआईआर संख्या 606/22 धारा 392/397/34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
दिन दहाड़े हुई लूट की वारदात से दिल्ली पुलिस में हड़कंप मच गया। गीता कॉलोनी पुलिस स्टाफ के साथ साथ जिले की स्पेशल स्टाफ और क्राइम ब्रांच की कई टीमों को जाँच सौंपीं गई।
वारदात को जल्द से जल्द सुलझाने व आरोपियों को दबोचने के लिए रोहित मीणा डीसीपी क्राइम ने अरविन्द कुमार एसीपी क्राइम ब्रांच एंटी रॉबरी एंड स्नैचिंग सेल शकरपुर की सुपरविजन व इंस्पेक्टर अरुण सिंधु और इंस्पेक्टर के के शर्मा के नेतृत्व में एसआई राहुल कुमार, मानवेंद्र, विक्रांत, मनीष, एएसआई रविंदर सिंह, मनोज कुमार, श्याम सिंह, शशिकांत, सुनील कुमार, प्रमोद कुमार, हेड कांस्टेबल अबधेश शर्मा, भूपेंद्र, सुनीत, गौरव त्यागी, कपिल राज, देवेंद्र, जीतेंद्र, नितिन राठी, कुलदीप भाटी, मनोज शर्मा व अरविंद कुमार की एक टीम का गठन किया।
जाँच में इंस्पेक्टर अरुण सिंधु को पता चला की पीड़ित विकास मेहरा का कूचा महाजनी चांदनी चौक में सुनार का काम है। हर रोज की तरह दिनांक एक दिसम्बर को भी पीड़ित विकास मेहरा 7 बजे अपनी दुकान बंद करके चांदनी चैक की पार्किंग से अपनी कार लेकर अपने घर प्रीत विहार को निकले। जब वो यमुना नदी के फ्लाईओवर के ऊपर पहुंचे तो फिल्मी अंदाज में दो मोटर साइकलों पर सवार पांच लोगों ने बन्दूक की नौक पर उनकी गाड़ी को रोका और उनकी मारुति ब्रेजा का शीशा तोड़कर गाड़ी में रखी 900 ग्राम सोने की ज्वेलरी को लूटकर फरार हो गए।
इंस्पेक्टर के के शर्मा ने सबसे पहले पीड़ित विकास मेहरा और उसके स्टाफ से पूछताछ की तो कोई संदेह वाली बात नहीं मिली।
अब तक की जांच और क्रिमिनलों की क्राइम करने की मोडस ऑपरेंडी से इंस्पेक्टर अरुण सिंधु को समझते देर नहीं लगी की वारदात को अंजाम अचानक नहीं दिया गया है वारदात को अंजाम देने से पहले पीड़ित की रैकी जरूर की गई होगी।
इंस्पेक्टर अरुण सिंधु यह अच्छी तरह से जानते थे की वारदात के बाद क्रिमिनल भागने के लिए कभी भी सीधे रास्ते का इस्तेमाल नहीं करते है। क्राइम करने के बाद क्रिमिनल पुलिस को चकमा देने और सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए आड़े तिरछे रास्तों से भागकर क्रिमिनल आपने आप को छिपा लेते हैं।
एसीपी अरविन्द कुमार ने टीम को सलाह दी की क्राइम करने के बाद क्रिमिनल भागने के लिए आड़े तिरछे रास्तों का तो इस्तेमाल कर सकता है लेकिन रैकी करके वारदात को अंजाम देने वाले क्रिमिनल टारगेट का पीछा करते है। इसलिए क्रिमिनलों के भागने के रूट को तैयार करने की वजाये क्राइम सीन तक पीड़ित के आने का रिवर्स रूट तैयार करें।
टीम ने पीड़ित के ब्यान पर क्राइम सीन यमुना रिवर फ्लाईओवर से राजा राम कोहली मार्ग, शांतिवन मार्ग, निषाद राजा मार्ग, नेताजी सुभाष मार्ग सर्विस रोड, जामा मस्जिद रोड होते हुए चाँदनीं चौक कार पार्किंग तक का रिवर्स रूट तैयार किया।
टीम ने चाँदनीं चौक कार पार्किंग के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पीड़ित की मारुति ब्रेजा कार के पास एक व्यक्ति को सस्पेक्ट हालात में घूमते हुए देखा।
पार्किंग स्टाॅफ से पूछताछ करने पर पता चला की सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा व्यक्ति उनके स्टाॅफ से नहीं है।
पीड़ित जब कार पार्किंग से अपनी ब्रेजा गाड़ी लेकर निकला तो सस्पेक्ट व्यक्ति भी किसी को फोन करते हुए गाड़ी के पीछे पीछे कार पार्किंग से बाहर आता हुआ दिखाई दिया।
टीम ने कार पार्किंग के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो देखा की बाहर दो बाइकों पर सवार पांच लोग पहले से ही खड़े थे। सस्पेक्ट व्यक्ति ने उन्हें कुछ इसारा किया। इसारा मिलते ही बाइक सवार लोग पीड़ित की कार के पीछे लग गये।
वारदात में इस्तेमाल दोनों बाइकों के नंबर सीसीटीवी फुटेज में क्लियर आ रहे थे। बाइकों के नंबर मिलते ही इंस्पेक्टर अरुण सिंधु को लगा की अब तो मामला क्रेक हो ही गया। लेकिन जाँच में पता चला की बाइकों पर लगी नंबर प्लेट फेक थी।
इंस्पेक्टर अरुण सिंधु ने हिम्मत नहीं हारी और नये सिरे से सीसीटीवी फुटेजों को खंगालना शुरू किया। चांदनी चौक कार पार्किंग में पीड़ित की रैकी करने के दौरान सस्पेक्ट व्यक्ति सीसीटीवी फुटेज में कई जगह कैद हुआ था। सीसीटीवी फुटेज में काफी जगह सस्पेक्ट व्यक्ति का चेहरा भी साफ कैद हो गया था।
टीम ने सस्पेक्ट व्यक्ति की फोटो को मुखबिरों में फैला दी। टीम की मेहनत रंग लाई। टीम के हेड कांस्टेबल गौरव त्यागी ने मुखबिरों और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से सस्पेक्ट फोटो वाले आरोपी की पहचान कर ली।
सस्पेक्ट आरोपी की पहचान हापुड़ यूपी निवासी 26 वर्षीय फाजिल उर्फ सलमान के रूप में हुई।
टीम ने छापेमारी कर हापुड़ से फाजिल उर्फ सलमान को दबोच लिया। आरोपी फाजिल उर्फ सलमान की निशानदेही पर टीम ने वारदात में शामिल हापुड़ यूपी से ही 23 वर्षीय अरुण कुमार व ग्रेटर नोएडा से 23 वर्षीय बचन तोमर को दबोच लिया।
जांच में पुलिस को पता चला की राजेश कुमार, विजय यादव, पप्पू, दिनेश, सलमान उर्फ फैसल, प्रमोद, अरुण, बच्चन तोमर व नवीन कसाना नामके कुल नौ लोग वारदात में शामिल थे।
वहीं दूसरी तरफ स्पेशल स्टाफ शाहदरा की टीम ने वारदात में शामिल चार आरोपियों 38 वर्षीय राजेश कुमार, 23 वर्षीय विजय यादव, 28 वर्षीय पप्पू व 37 वर्षीय दिनेश को भी दबोच लिया।
पूछताछ में पता चला कि नवीन इस डकैती का मास्टरमाइंड है। डकैती में शामिल सभी लोग विजय यादवऔर राजेश को जानते थे।
आरोपी विजय यादव के पास पीड़ित के आने और जाने और गाड़ी नंबर की जानकारी थी। डकैती की प्लानिंग विजय यादव के तुलसी निकेतन, भोपुरा, गाजियाबाद के ठिकाने पर बनाई गई।
दिनांक 17 नवम्बर को भी सभी लोग पीड़ित को लूटने के इरादे से दिल्ली आये थे। योजनानुसार उस दिन भी फाजिल ने चांदनी चौक से पीड़ित की कार का पीछा किया। फाजिल कार की लोकेशन के बारे में अपने सहयोगियों को सूचित करता रहा लेकिन ट्रैफिक जाम के कारण वो उस दिन असफल रहे।
बदमाशों ने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों से सीखकर उन्होंने फिर से एक दिसंबर को अपनी योजना को अंजाम देने का फैसला किया। इस बार आरोपियों ने फुल प्रूफ प्लान बनाया, जिसमें बैकअप के लिए 4 हथियार, 2 मोटरसाइकिल और एक आई टेन कार शामिल की। योजना में 9 व्यक्ति शामिल थे, जिन्हें अलग अलग कार्य सौंपे गए थे।
प्लानिंग अनुसार दिनांक एक दिसंबर को फाजिल उर्फ सलमान ने पीड़ित के कार की रैकी की। फाजिल पार्किंग में मौजूद था। उसको पीड़ित की गाड़ी की मूवमेंट के बारे में जानकारी आई टेन गाड़ी में बैठी अपनी बैकअप टीम को देनी थी। शाम करीब सवा सात बजे जब पीड़ित ने अपनी कार चांदनी चौक की पार्किंग से निकली तो फाजिल ने अरुण कुमार को फोन पर इसकी जानकारी दी।
आरोपी दिनेश और राजेश बैकअप के लिए आई टेन कार में सवार थे।
उसके बाद अरुण कुमार, विजय यादव, बचन सिंह, पप्पू व प्रमोद कुल पांच लोगो ने दो बाइक हीरो स्प्लेंडर और होंडा शाइन से पीड़ित की कार का पीछा किया और यमुना ब्रिज के पास उसकी कार को रोक लिया।
बचन तोमर ने पीड़ित की ओर बंदूक तानकर कार के ड्राइवर साइड का शीशा तोड़ डाला। पप्पू और विजय ने भी कार के दूसरी तरफ का शीशा तोड़ डाला। उसके बाद पप्पू ने गाड़ी में रखे 900 ग्राम सोने के जेवर लूट लिए।
वारदात के बाद सभी आरोपी भोपुरा, गाजियाबाद में इकट्ठे हुए। और उस दिन आरोपी राजेश ने गहने बेचने के लिए अपने पास रख लिए।
डकैती के 3 दिनों के बाद सभी आरोपी 4 दिसम्बर को एक बार फिर भोपुरा, गाजियाबाद में इकट्ठे हुए। और उस दिन आपस में 8 लाख रुपये बाटे।
फिलहाल पुलिस वारदात में शामिल आरोपी प्रमोद व नवीन कसाना की तलाश में जुटी है।
पहला आरोपी 26 वर्षीय फाजिल उर्फ सलमान कंस्ट्रक्शन लेबर का काम करता है। यह बांदा पट्टी, हापुड़, यूपी का रहने वाला है। यह अविवाहित है।
दूसरा आरोपी 23 वर्षीय अरुण कुमार दिहाड़ी मजदूर का काम करता है। यह भी यह बांदा पट्टी, हापुड़, यूपी का रहने वाला है। यह अनपढ और अविवाहित है।
तीसरा आरोपी 23 वर्षीय बचन तोमर नोएडा में एक मोबाइल पार्ट्स बनाने वाली कंपनी में लेबर का काम करता था। इसने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। यह गांव मुबारकपुर, सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है।
चौथा आरोपी 38 वर्षीय राजेश गगन सिनेमा, गाजियाबाद, यूपी के पास बालाजी ट्रेवल्स के नाम से एक ट्रांसपोर्ट एजेंसी चलाता है। यह शादीशुदा है और डीएलएफ भोपुरा, साहिबाबाद में रहता है।
पांचवा आरोपी 23 वर्षीय विजय यादव फेरी लगाकर कबाड़ी का काम करता है। यह अविवाहित है और तुलसी निकेतन, भोपुरा, गाजियाबाद का रहने वाला है। इसके खिलाफ थाना साहिबाबाद व पीएस फेज 3, गौतम बुद्ध नगर में पहले से ही दो आराधिक मामले दर्ज हैं।
छठा आरोपी 28 वर्षीय पप्पू पेशे से मार्बल मैकेनिक है। यह अविवाहित है। यह बबली नई का घर, सफेद मंदिर के पास, भोपुरा, गाजियाबाद का रहने वाला है। इसके खिलाफ थाना हर्ष विहार, दिल्ली में पहले से ही एक एफआईआर दर्ज है।
सातवां आरोपी 37 वर्षीय दिनेश मकान नंबर बी 1/297, गली नंबर 10, लाल मंदिर के पास, हर्ष विहार, दिल्ली का रहने वाला है।
सनसनी ऑफ इंडिया नेटवर्क