shabd-logo

जामिया नगर बिल्डर हत्याकांड का खुलासा, किरायेदार महिला ने फ्लैट कब्जाने के लिए रची थी साजिश

27 अगस्त 2022

10 बार देखा गया 10


article-image

https://youtu.be/sud_cSBIRek विजय कुमार दिवाकर

एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी की टीम ने जामिया नगर रियल एस्टेट एजेंट वासिफ सत्तार गाजी के सनसनीखेज ब्लाइंड हत्याकांड का खुलासा करते हुए अब्दुल नासिर गैंग के दो खतरनाक शार्प शूटरों सहित एक महिला को दबोचा है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान वेलकम निवासी 40 वर्षीय मोहम्मद अजीम उर्फ सुल्तान अजीम, जामिया नगर निवासी 18 वर्षीय अरमान व 38 वर्षीय श्रीमति नाहिद अब्बासी के रूप में हुई है। साथ ही चैथे आरोपी आमिर को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। पांचवा आरोपी शादाब अभी फरार है उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगातार छापेमारी कर रही है।

साजिशकर्ता महिला नाहिद अब्बासी   पीड़ित रियल एस्टेट एजेंट वासिफ की बिल्डिंग में तीसरी मंजिल पर किराए पर रहती थी। उसने तीसरी मंजिल पर कब्जा कर रखा था। लेकिन इसके बावजूद   वासिफ ने उसे पूरी इमारत का केयर टेकर बना रखा था। पीड़ित वासिफ के भोलेपन का फायदा उठाकर आरोपी महिला नाहिद अब्बासी ने बिल्डिंग की दूसरी मंजिल के फ्लैट पर भी कब्जा करने की कोशिश की लेकिन पीड़ित के विरोध करने पर उसने अपने भाई आमिर के जरिए शार्प शूटरों से बिल्डर की हत्या करवाने की साजिश रच डाली। आरोपी महिला नाहिद अब्बासी को   लगा की रियल एस्टेट एजेंट के आगे पीछे कोई नहीं है। उसके बुजुर्ग माता पिता है। एक बहन है वो भी विदेश में रहती है। ऐसे में वह आसानी से फ्लैट पर कब्जा कर लेंगे। प्लानिंग के अनुसार आरोपियों ने पहले पीड़ित की रैकी की और मौका मिलते ही गोलियों से भूनकर फरार हो गए। प्रोफेशनल अपराधियों की तरह पुलिस को गुमराह करने के लिए चोरी की स्कूटी पर नकली फेक नंबर प्लेट लगाकर वारदात को अंजाम दिया था किन्तु क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी की टीम ने आरोपियों की मोडस ऑपरेंडी से पुरे मामले का खुलासा कर आरोपियों को दबोच लिया। इनके पास से देशी कट्टा, पिस्टल व चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई है।

दिनांक 14 अगस्त 2022 की शाम 5 बजकर 45 मिनट के आसपास  जामिया नगर के नूर नगर इलाके में स्कूटी सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर रियल एस्टेट एजेंट वासिफ सत्तार गाजी की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद आरोपित मौके से फरार हो गए थे। 

दिनदहाड़े हुई वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई थी। 

बेहद संवेदनशील मामला होने की वजह से जामिया नगर थाने में दिनांक 14 अगस्त 2022 को एफआईआर संख्या 347/2022 धारा 302 व 27 आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।  

जामिया नगर थाना पुलिस के साथ दक्षिणपुर्वी जिले की क्राईम ब्रांच की अनेकों टीमें मामले की जांच कर रही थी। वारदात में इस्तेमाल स्कूटी नंबर डीएल 4 एस क्यू ए 6473 थोड़ी दूरी पर लावारिस मिली थी। वारदात में इस्तेमाल स्कूटी मिलते ही टीमों को लगा की मामले का खुलासा हो गया लेकिन स्कूटी के नंबर की जांच की तो पता चला की स्कूटी पर फेक नंबर प्लेट लगी हुई है। टीम ने इंजन नंबर से स्कूटी की जांच की तो पता चला कि स्कूटी का असली नंबर डीएल 7 एस सीएल 4218 जोकि थाना मधु विहार इलाके से चुराई गई है। सभी टीमे एक बार फिर जीरों पर आकर खड़ी हो गई।  लाख कोशिश के बाद भी आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग रहा था। 

समय बितता जा रहा था स्थानीय लोग पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठा रहे थे।  

क्रिमिनलों की मोडस ऑपरेंडी प्रोफेशनल गैंगस्टरों की ओर इशारा कर रही थी। सेम मोडस ऑपरेंडी से हुई कई वारदातों का एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी की टीम पहले भी खुलासा कर चुकी है। इसलिए क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी ने खुद ही मामले की जांच शुरू कर दी। 

जनता के बढ़ते रोष को देखते हुए 20 अगस्त 2022 को यह मामला स्थानीय पुलिस से वापस लेकर सनलाइट कॉलोनी क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया। 

मामला क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी में ट्रांसफर होते ही राजेश देव डीसीपी क्राईम ने सुशील कुमार एसीपी, एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी की सुपरविजन व तेज तर्रार इंस्पेक्टर राजीव बमल के नेतृत्व में एसआई मनोज, श्याम बिहारी, नरेश, एएसआई रोहित सौलंकी, मोहम्मद तालीम, हेड कांस्टेबल गुरविंदर, सोमेश, तेज प्रताप और कांस्टेबल अनुज की एक टीम को सौंपी।  

तेज तर्रार इंस्पेक्टर राजीव बमल की टीम ने क्राइम सीन के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला की स्कूटी सवार तीन लोगों ने वारदात को अंजाम दिया था। जिसमें दो लोगों ने हैलमेट पहन रखा था जबकि तीसरे ने अपने चेहरे को ढक रखा था। टीम ने क्राईम सीन के आस पास से मिले सीसीटीवी फुटेजों को बारीकी से स्कैन किया तो पता चला की सड़क पर गिरने के बाद भी आरोपियों ने मृतक वसीफ सत्तार गाजी पर कई राउंड फायर किए थे। हैलमेट और मास्क पहने होने की वजह से आरोपियों की पहचान नहीं हो पा रही थी। 

इंस्पेक्टर राजीव बमल ने मृतक के माता पिता व दोस्तों से पूछताछ की तो पता चला की पीड़ित की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। मृतक के माता पिता ने भी किसी पर शक जाहिर नहीं किया।

इंस्पेक्टर राजीव बामल अच्छी तरह से जानते थे कि किसी भी मर्डर के इन्वेस्टिगेशन में सबसे पहले कत्ल का मोटिव या इंटेंशन का पता लगाया जाता है लेकिन अभी तक की जांच में स्थानीय पुलिस व अन्य जांच टीमे कत्ल का मोटिव या इंटेंशन का पता नहीं लगा पाये थे।

कत्ल का मोटिव या इंटेंशन का पता लगाने के लिए टीम ने सबसे पहले वारदात वाले दिन क्राईम सीन पर एक्टीव सभी नंबरो को खंगाला लेकिन कुछ भी सस्पेक्ट नहीं मिला। टीम ने हिम्मत नहीं हारी।

टीम के एएसआई मोहम्मद तालीम और हेड कांस्टेबल गुरविंदर ने वारदात में इस्तेमाल स्कूटी थाना मधु विहार इलाके में जहां से चोरी हुई थी उस जगह के सीसीटीवी फुटेजों को खंगाला तो पहला ब्रेक थ्रू हाथ लगा।

सीसीटीवी फुटेज में खतरनाक गैंगस्टर अब्दुल नासिर गैंग का मोहम्मद अजीम नामका एक शार्प शूटर मधु विहार इलाके से चोरी हुई स्कूटी के आस पास घूमता दिखाई दिया। 

वारदात में इस्तेमाल चोरी की स्कूटी के पास अब्दुल नासिर गैंग के शार्प शूटर का  होना एक महज इतेफाक भी हो सकता था। सारी निगरानी व छानबीन करने के बाद हेड कांस्टेबल गुरविंदर को लगा क्यों न इस शार्प शूटर को टटोला जाए।

टीम के एएसआई मोहम्मद तालीम की क्राईम ब्रांच में आने से पहले जामिया नगर थाने में काफी समय तक पोस्टिंग रही है जिसके चलते इलाके में इनका अपना मुखबिरों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। अब्दुल नासिर गैंग का नाम आते ही एएसआई मोहम्मद तालीम ने मुखबिरों को एक्टीव कर दिया। 

मुखबिरों से एएसआई मोहम्मद तालीम को पता चला की अब्दुल नासिर गैंग का शार्प शूटर मोहम्मद अजीम उर्फ सुल्तान अजीम   तीन चार महीने पहले ही जेल से रिहा हुआ है और कुछ दिनों से इलाके में आमीर अल्वी नामक व्यक्ति के साथ देखा गया है।

इंस्पेक्टर राजीव बमल ने आमीर अल्वी के बारे में जानकारी जुटाई तो बड़ी चैकाने वाली बात सामने आई कि अमीर अल्वी पीड़ित के फ्लैट में रहने वाली नाहिद अब्बासी का भाई है। 

इंस्पेक्टर राजीव बामल ने नाहिद अब्बासी महिला को खंगाला तो मर्डर का मोटिव और इंटेंशन दोनों ही क्लीयर हो गये। मर्डर प्राॅपर्टी के लिए किया गया था। 

आरोपियों की पहचान होते ही सुशील कुमार एसीपी, एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी ने टीम को डायरेक्शन दिया की शार्प शूटरों की गिरफ्तारी तक महिला नाहिद अब्बासी पर छुपकर नजर रखी जाए लेकिन उसे इस बात का शक न हो की उसकी पहचान हो गई है। उससे   पूछताछ करने पर हो सकता है शार्प शूटर अंडरग्रांउड हो जाये ऐसे में उन्हें गिरफ्तार करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। 

अब तक की जांच में यह तो कन्फर्म हो गया था कि गैंगस्टर अजीम ने इस भयानक हत्याकांड को अंजाम दिया है।

एएसआई मोहम्मद तालीम और हैडकांस्टेबल गुरविंदर ने इस सूचना पर काम करना शुरू कर दिया और बड़े पैमाने पर तलाशी शुरू की गई। अजीम के दोस्तों, रिश्तेदारों व जानकारों पर टेक्निकल सर्विलांस से नजर रखी गई। 

20 अगस्त 2022 को इंस्पेक्टर राजीव बमल की टीम को सीक्रेट इनफार्मेशन मिली की आरोपी अजीम सराय काले खान बस स्टैंड के पास अपने किसी परिचित से मिलने आएगा। इनफार्मेशन मिलते ही टीम ने सराय काले खान बस स्टैंड के पास एक जाल बिछाया। थोड़ी देर बाद आरोपी मोटरसाइकिल पर आता दिखाई दिया टीम ने उसे चारों और से घेरकर दबोच लिया। तलाशी लेने पर आरोपी के पास से एक देशी पिस्टल बरामद हुई।

उससे पूछताछ की गई तो उसने इस हत्या को अंजाम देना कबूल कर लिया। आरोपी  जिस मोटरसाइकिल पर सवार था जांच करने पर वो चोरी की पाई गई।  

इससे पूछताछ के बाद इसके दूसरे साथी अरमान को 21 अगस्त को जामिया नगर से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद महिला नाहिद अब्बासी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। स्पेशल सेल ने भी इस मामले में आरोपी आमिर को सराय कालेखां से 20 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने रियल एस्टेट एजेंट वासिफ सत्तार गाजी की हत्या को अंजाम देना स्वीकार किया। आरोपी मोहम्मद अजीम उर्फ सुल्तान अजीम ने खुलासा किया कि वह नासिर गैंग का शार्प शूटर है। करीब तीन महीने पहले ही वह जेल से जमानत पर छूट कर आया था।   बाटला हाउस में रहने वाला आमिर अल्वी और शाहीन बाग में रहने वाला आतिफ जमाल उसके दोस्त है। आमिर अल्वी की बहन नाहिद अब्बासी एस 11/2, थर्ड फ्लोर, जोगा बाई एक्सटेंशन में की बिल्डिंग में रहती है जिसका निर्माण मृतक वासिफ ने किया था। आमिर अल्वी की बहन तीसरी मंजिल पर किराए पर रहती थी। उसने तीसरी मंजिल पर कब्जा कर रखा था। लेकिन इसके बावजूद वासिफ ने उसे पूरी इमारत का केयर टेकर बना रखा था। पीड़ित वासिफ के भोलेपन का फायदा उठाकर आरोपी महिला नाहिद अब्बासी ने बिल्डिंग की दूसरी मंजिल के फ्लैट पर भी कब्जा करने की कोशिश की लेकिन पीड़ित  ने इसका विरोध किया।

महिला ने अपने भाई आमिर के जरिए शार्प शूटरों से बिल्डर की हत्या करवाने की साजिश रच डाली। आरोपी महिला नाहिद अब्बासी को लगा की रियल एस्टेट एजेंट के आगे पीछे कोई नहीं है। उसके बुजुर्ग माता पिता है। एक बहन है वो भी विदेश में रहती है। ऐसे में वह आसानी से फ्लैट पर कब्जा कर लेंगे। साजिश के तहत अजीम ने अपनी बहन नाहिद के पक्ष में नकली जीपीए तैयार किया। फ्लैट की चाबियां पहले से ही महिला नाहिद के पास थीं। 

वारदात को अंजाम देने के लिए शार्प शूटर अजीम ने शादाब, आमिर और अरमान को आपस में मिलवाया।

आरोपियों ने आगे बताया कि शार्प शूटर अजीम, शादाब और अरमान ने वसीफ के घर की रेकी की थी।

वारदात को अंजाम देने के लिए शादाब ने चोरी की स्कूटी का इंतजाम किया था। 

एक पिस्टल का इंतजाम अरमान ने और दूसरी पिस्टल और देशी कटटे का इंतजाम शादाब ने किया था। शादाब ने ही इस अपराध में इस्तेमाल होने वाले एक फोन और दो चोरी के सिम कार्ड का भी इंतजाम किया था। शादाब वसीफ को मामले को निपटाने के लिए बार बार फोन भी कर रहा था।

14 अगस्त 2022 को लगभग 2 बजे योजना के अनुसार शार्प शूटर अजीम और शादाब वसीफ के घर के पास पहुंचे। शाम करीब साढ़े चार बजे अरमान स्कूटी से आया। अरमान के पास पहले से ही आमिर द्वारा दी गई पिस्टल थी। शादाब ने अपने फोन से वसीफ को मिलने के लिए फोन किया। कुछ देर इंतजार करने के बाद जब वसीफ मोटरसाइकिल पर अपने घर से निकला तो शादाब ने स्कूटी चलाई, बीच में अरमान और अजीम पीछे बैठ गया। आमिर के पास देसी कट्टा और अजीम के पास पिस्टल थी। जब वसीफ अपने घर से करीब 200 300 मीटर दूर पहुंचा तो उन सभी ने वसीफ पर जमकर फायरिंग की और मौके से फरार हो गए। 

आरोपी अरमान ने खुलासा किया है कि बटला हाउस जामिया नगर निवासी होने के कारण वह आमिर को जानता था। आमिर ने उसे इस हत्या में शामिल होने के लिए पैसों का लालच दिया। पैसों के लालच में उसने शादाब और  अजीम से मुलाकात की।  आपस में डील फाइनल होने के बाद आमिर के कहने पर  शादाब और  अजीम के साथ अरमान ने भी पीड़ित वासिफ के घर की रेकी की।  

पहला आरोपी 40 वर्षीय मोहम्मद अजीम उर्फ सुल्तान अजीम पुत्र मनसुर अहमद मोहल्ला नियाजिया, गुल्लू का नीम अमरोहा यूपी का स्थायी निवासी है और दिल्ली में मकान नंबर ई 58/9, लकड़ी मार्किट, वेलकम में रहता है। इसने हायर सेकेंडरी तक पढ़ाई की है। स्कूली शिक्षा के बाद इसने आजीविका के लिए इन्वर्टर मैकेनिक के रूप में काम करना शुरू किया। कुछ समय बाद इसके मामा इसे दिल्ली ले आये। यह मैकेनिक का काम करने लगा। पैसे के लालच में उसने छोटे मोटे अपराध शुरू कर दिए। 

वर्ष 2011 में सनलाइट कॉलोनी में हुई एक लूट के मामले में इसे गिरफ्तार किया गया था। 

वर्ष 2013 में इसे थाना मानसरोवर पार्क के क्षेत्र में एक बैंक डकैती में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में इसे दस साल कैद की सजा सुनाई गई है और तीन महिने पहले ही जमानत पर बाहर आया था।

वर्ष 2015 में इसने कड़कड़डूमा कोर्ट    रूम के अंदर कुछ नाबालिकों को ट्रेंड करके एक बड़े गैंगस्टर छन्नू पहलवान पर हमला करवाया था। इस घटना में एक पुलिस हेड कांस्टेबल शहीद हो गया था लेकिन छन्नू पहलवान बच गया था। आरोपी सुल्तान अजीम एक खतनाक शार्प शूटर और नासिर गैंग का सदस्य है। इसकी क्राईम हिस्ट्री काफी लंबी है। इसके खिलाफ थाना वेलकम, क्राईम ब्रांच, सीलमपुर, फरश बाजार, मानसरोवर पार्क, सनलाईट काॅलोनी, लाजपत नगर, ग्रेटर कैलाश व नेब सराय में लगभग 11 अपराधिक मामले दर्ज हैं।

दूसरा आरोपी 18 वर्षीय अरमान पुत्र इरशाद मकान नंबर पी 136, गली नंबर एक, नफिस रोड़ जामिया नगर का रहने वाला है। यह नासिर गैंग से हाल ही में जुड़ा था। यह अपने माता पिता के साथ जामिया नगर में रहता है। इसने जामिया नगर के एक सरकारी स्कूल से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। आमिर से इसकी दोस्ती हो गई थी और पैसे के लालच में वो इस हत्याकांड में शामिल हो गया था। पिस्टल भी इसे आमिर ने ही मुहैया कराई थी।

तीसरी आरोपी 38 वर्षीय नाहिद अब्बासी पत्नी निशात अली अब्बासी मकान नंबर एस 12 ए, खसरा नंबर 214, जोगा बाई एक्सटेशन, जामिया नगर में अपने पति और बच्चों के साथ रहती है। फ्लैट मृतक  का है जिसे उसने हड़पने की कोशिश की थी। वह इमारत की केयर टेकर का काम करती थी और मृतक वासिफ की ओर से फ्लैट का किराया वसूल करती थी। मृतक वासिफ के भोलेपन का फायदा उठाकर उसके फ्लैट पर कब्जा करने की कोशिश की और वसीफ के मना करने पर उसकी हत्या की साजिश रच डाली।  

विजय कुमार दिवाकर की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए