अपनी सोच , अपना कर्म।
यदि आप सकारात्मक सोचेंगे तो आपके जिवन में भी सकारात्मक होगा। उदाहरण के लिए यदि आप गाडी से कहिंं जा रहे हो और तब अचानक से आपको एक्सिडेंट का ख्याल आता है, यहांं ध्यान देने वाली बात यह है कि आपने स्वयम ही एक्सिडेंट को अपने दिमाग में जगह दी इसलिए एक्सिडेंट होना तय है , इससे बचने के लिए अपने आसपास सकारात