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दलित का दुल्हारा

28 जनवरी 2015

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हिन्दुस्तान है हमारा,कितना है हमसे दुल्हारा । जंहा रोता है दलित का दुल्हारा ।। .............................................................. मानव तो मानव नहीं ,बन गया है हत्यारा । करो या मरो, बस रहा है ये दलितों तुम्हारा ।। .................................................................. मौत की घाट उतरता है तो दलित का दुल्हारा । क्या हुआ उन कत्तो का जिसने तुमको नकारा ।। .................................................................... फीस भी माफ उनकी होती , जो है ट्यूशन का प्यारा । पाठशालाओं में डांट खाता है तो वह है दलित का दुल्हारा ।। ............................................................................ सीमा पे खडा है जो, उसका भी है एक प्यारा । बलिदान के बाद इन प्यारो का हाल है न्यारा ।। ............................................................................ जो बना , वही है जोग-सगी का प्यारा ।।।
राम नारायण प्रधान

राम नारायण प्रधान

अच्छा प्रयास शुभ कामना

28 जनवरी 2015

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