दलित का दुल्हारा
हिन्दुस्तान है हमारा,कितना है हमसे दुल्हारा ।
जंहा रोता है दलित का दुल्हारा ।।
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मानव तो मानव नहीं ,बन गया है हत्यारा ।
करो या मरो, बस रहा है ये दलितों तुम्हारा ।।
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