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संपादक द्वारा चयनित पुस्तकें

प्रतिरोध के प्रतिमान : घरेलू महिला कामगार

प्रतिरोध के प्रतिमान : घरेलू महिला कामगार

डॉ. अजय कुमार साव

घरेलू महिला कामगार कामकाजी या फिर नौकरीपेशा महिलाओं से अलग और अधिक जटिल चुनौतियों के बीच अपने जीवन यथार्थ से जूझती रहती है। स्त्री विमर्श ने घरेलू महिला कामगारों के समुदाय को अभी तक विषय नहीं बनाया है। एक ओर निजी परिवार और समाज की चुनौतियां झेलती हैं

3 पाठक
19 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

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₹ 79/-

प्रिंट बुक:

319/-

प्रतिरोध के प्रतिमान : घरेलू महिला कामगार

प्रतिरोध के प्रतिमान : घरेलू महिला कामगार

डॉ. अजय कुमार साव

घरेलू महिला कामगार कामकाजी या फिर नौकरीपेशा महिलाओं से अलग और अधिक जटिल चुनौतियों के बीच अपने जीवन यथार्थ से जूझती रहती है। स्त्री विमर्श ने घरेलू महिला कामगारों के समुदाय को अभी तक विषय नहीं बनाया है। एक ओर निजी परिवार और समाज की चुनौतियां झेलती हैं

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परम शिवभक्त रावण

परम शिवभक्त रावण

वरुण शुक्ला

संसार ने रावण को एक दैत्य के रूप में तो जाना है,पर इस पुस्तक के द्वारा परम शिवभक्त,परम पांडित्य ज्ञाता ,लंकेश ,रावण को एक भिन्न दृष्टि से देखकर अपनी बुद्धि अनुसार लिखने का प्रयास किया हैं। जय श्री राम ॐ नमः शिवाय

15 पाठक
10 रचनाएँ
51 लोगों ने खरीदा

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₹ 66/-

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252/-

परम शिवभक्त रावण

परम शिवभक्त रावण

वरुण शुक्ला

संसार ने रावण को एक दैत्य के रूप में तो जाना है,पर इस पुस्तक के द्वारा परम शिवभक्त,परम पांडित्य ज्ञाता ,लंकेश ,रावण को एक भिन्न दृष्टि से देखकर अपनी बुद्धि अनुसार लिखने का प्रयास किया हैं। जय श्री राम ॐ नमः शिवाय

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मुट्ठी भर रेत

मुट्ठी भर रेत

डॉ. निशा नंंदिनी भारतीय

"मुट्ठी भर रेत" काव्य संग्रह में इंद्रधनुषी रंगों से रंगी अनेकानेक रचनाएं हैं। कहीं मां के आंचल की सुगंध है,तो कहीं देश-भक्ति का रंग दिखाई देता है। कुछ रचनाएं समाज को ललकारती हैं, तो कुछ प्रेम से पुचकार कर उन्नति के पथ पर अग्रसर करती हैं।

19 पाठक
44 रचनाएँ
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₹ 66/-

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213/-

मुट्ठी भर रेत

मुट्ठी भर रेत

डॉ. निशा नंंदिनी भारतीय

"मुट्ठी भर रेत" काव्य संग्रह में इंद्रधनुषी रंगों से रंगी अनेकानेक रचनाएं हैं। कहीं मां के आंचल की सुगंध है,तो कहीं देश-भक्ति का रंग दिखाई देता है। कुछ रचनाएं समाज को ललकारती हैं, तो कुछ प्रेम से पुचकार कर उन्नति के पथ पर अग्रसर करती हैं।

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पंखहीन - एक प्रेम कथा; लेखक:खलील जिब्रान और अनुवाद: अशोक कृष्ण

पंखहीन - एक प्रेम कथा; लेखक:खलील जिब्रान और अनुवाद: अशोक कृष्ण

Ashok Krishn

यह खलील जिब्रान के लघु उपन्यास "दी ब्रोकन विंग्स" का हिंदी अनुवाद है।

35 पाठक
11 रचनाएँ
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₹ 74/-

पंखहीन - एक प्रेम कथा; लेखक:खलील जिब्रान और अनुवाद: अशोक कृष्ण

पंखहीन - एक प्रेम कथा; लेखक:खलील जिब्रान और अनुवाद: अशोक कृष्ण

Ashok Krishn

यह खलील जिब्रान के लघु उपन्यास "दी ब्रोकन विंग्स" का हिंदी अनुवाद है।

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योग विद्या

योग विद्या

इंजी. मनीष जैन

शारीरिक शिक्षा और योग का बच्चों के शारीरिक, सामाजिक, भावात्‍मक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। यह पुस्तक उच्च प्राथमिक स्तर के लिए तैयार की गई है। इस पाठ्यसामग्री का अधिक बल शिक्षार्थियों के मध्य शारीरिक क्षमता, भावात्मक स्थिरता, एकाग्रता औ

4 पाठक
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32 लोगों ने खरीदा

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₹ 90/-

प्रिंट बुक:

391/-

योग विद्या

योग विद्या

इंजी. मनीष जैन

शारीरिक शिक्षा और योग का बच्चों के शारीरिक, सामाजिक, भावात्‍मक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। यह पुस्तक उच्च प्राथमिक स्तर के लिए तैयार की गई है। इस पाठ्यसामग्री का अधिक बल शिक्षार्थियों के मध्य शारीरिक क्षमता, भावात्मक स्थिरता, एकाग्रता औ

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चिंतन शिविर

चिंतन शिविर

मदन मोहन मैत्रेय

यह एक आलोचनात्मक एवं व्यंगात्मक लेखन है। जिसमें क्रमानुसार विषयों को सहेजा गया है। इस पुस्तक में कोशिश की गई है कि यथार्त की जितनी ज्यादा समावेश हो सके, किया जाए। जिससे विषय वस्तु की उपयोगिता भी बनी रहे और पढने में रोचकता की भी उपलब्धि हो। मदन मोहन"

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चिंतन शिविर

चिंतन शिविर

मदन मोहन मैत्रेय

यह एक आलोचनात्मक एवं व्यंगात्मक लेखन है। जिसमें क्रमानुसार विषयों को सहेजा गया है। इस पुस्तक में कोशिश की गई है कि यथार्त की जितनी ज्यादा समावेश हो सके, किया जाए। जिससे विषय वस्तु की उपयोगिता भी बनी रहे और पढने में रोचकता की भी उपलब्धि हो। मदन मोहन"

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बिंदु : एक संघर्ष

बिंदु : एक संघर्ष

Pragya pandey

यह एक ऐसी महिला ( बिंदु ) की कहानी है जो खुद अस्तित्व बचाने के लिए अपने गांव से भाग जाती है लेकिन समय के चक्र में वो फिर उस गांव में 15 साल बाद एक डॉक्टर के तौर पर गांव वालो की जान बचाने वापस आने पड़ता है । बिंदु कैसे समाज के संकीर्ण सोच से टकराते ह

76 पाठक
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₹ 99/-

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259/-

बिंदु : एक संघर्ष

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Pragya pandey

यह एक ऐसी महिला ( बिंदु ) की कहानी है जो खुद अस्तित्व बचाने के लिए अपने गांव से भाग जाती है लेकिन समय के चक्र में वो फिर उस गांव में 15 साल बाद एक डॉक्टर के तौर पर गांव वालो की जान बचाने वापस आने पड़ता है । बिंदु कैसे समाज के संकीर्ण सोच से टकराते ह

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सुनो न!

सुनो न!

सन्ध्या गोयल सुगम्या

अपनी बात मुझमें से गर निकाल दो मेरी लेखनी मेरी ज़िन्दगी से मेरी नहीं निभनी यूँ तो आते हैं सभी जीने के लिये पर ज़िन्दगी न लगती सबको भली इतनी सुख में सखी और दुख में दोस्त मेरी लेखनी ने कभी न होने दी कोफ्त मेरी अनुभूतियाँ ,जो कवित

19 पाठक
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₹ 63/-

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194/-

सुनो न!

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सन्ध्या गोयल सुगम्या

अपनी बात मुझमें से गर निकाल दो मेरी लेखनी मेरी ज़िन्दगी से मेरी नहीं निभनी यूँ तो आते हैं सभी जीने के लिये पर ज़िन्दगी न लगती सबको भली इतनी सुख में सखी और दुख में दोस्त मेरी लेखनी ने कभी न होने दी कोफ्त मेरी अनुभूतियाँ ,जो कवित

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कसाईबाड़ा

कसाईबाड़ा

Subir Roka

मेरे बचपन के दोस्त पराशर जो उक्त घटना के शिकार हुए ।जो खेल डॉक्टरों ने नामी-गिरामी अस्पताल मैं उनके साथ खेला। उनके परिवार के साथ दरपेश आए ।वह मेरा दोस्त ही नहीं था। बड़ा भाई था ।जिगर का टुकड़ा था। और उस इंसान के साथ अस्पताल के डॉक्टरों ने, डॉक्टरों

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5 पाठक
40 रचनाएँ

निःशुल्क

कसाईबाड़ा

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Subir Roka

मेरे बचपन के दोस्त पराशर जो उक्त घटना के शिकार हुए ।जो खेल डॉक्टरों ने नामी-गिरामी अस्पताल मैं उनके साथ खेला। उनके परिवार के साथ दरपेश आए ।वह मेरा दोस्त ही नहीं था। बड़ा भाई था ।जिगर का टुकड़ा था। और उस इंसान के साथ अस्पताल के डॉक्टरों ने, डॉक्टरों

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स्त्री हूँ ना

स्त्री हूँ ना

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

माँ की लाड़ली, पिता के ह्रदय की कली , बैठाई गई पलकों पर सदा, सँवरी,निखरी,नाजों से जो पली ,पर स्त्री हूँ ना तो कभी होना पडा़ शोहदों की फब्तियों का शिकार, कभी सहनी पडी़ एक तरफा प्यार के तेजाब की धार , कभी ससुराल में तानों और उलाहनाओं का हार पहनाया गया,

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302 पाठक
55 रचनाएँ

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स्त्री हूँ ना

स्त्री हूँ ना

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

माँ की लाड़ली, पिता के ह्रदय की कली , बैठाई गई पलकों पर सदा, सँवरी,निखरी,नाजों से जो पली ,पर स्त्री हूँ ना तो कभी होना पडा़ शोहदों की फब्तियों का शिकार, कभी सहनी पडी़ एक तरफा प्यार के तेजाब की धार , कभी ससुराल में तानों और उलाहनाओं का हार पहनाया गया,

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व्यथा कथा ( कहानी संग्रह)

व्यथा कथा ( कहानी संग्रह)

डॉ. निशा नंंदिनी भारतीय

इस पुस्तक में दी गईं सभी कहानियां सत्य घटनाओं पर आधारित है। यह कहानियां पाठक के हृदय पर एक अमिट छाप अवश्य चिन्हित करेंगी। छोटा जादूगर, टुलु की प्रेमकथा, रेवती की खुद्दारी, संवाद, पतंग सिर्फ खेल नहीं आदि कहानियां प्रेरणाप्रद हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्

8 पाठक
10 रचनाएँ
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ईबुक:

₹ 77/-

व्यथा कथा ( कहानी संग्रह)

व्यथा कथा ( कहानी संग्रह)

डॉ. निशा नंंदिनी भारतीय

इस पुस्तक में दी गईं सभी कहानियां सत्य घटनाओं पर आधारित है। यह कहानियां पाठक के हृदय पर एक अमिट छाप अवश्य चिन्हित करेंगी। छोटा जादूगर, टुलु की प्रेमकथा, रेवती की खुद्दारी, संवाद, पतंग सिर्फ खेल नहीं आदि कहानियां प्रेरणाप्रद हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्

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मोहनदासः

मोहनदासः

Lunesh Verma

साहित्ये ज्ञानराशि: निहिता: भवन्ति। अनुवादमाध्यमेन विविधभाषासु प्रसरिता:। अनुवादमाध्यमेन साहित्येषु निहितज्ञानराशिभि: लाभान्विता: भवन्ति। संस्कृते विपुलसाहित्यरचना उपलब्धा:। अस्यां भाषायां उपलब्धग्रन्थाणां विश्वस्य विविधभाषासु अनुवादा: उपलब्धा:। विवि

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₹ 105/-

प्रिंट बुक:

266/-

मोहनदासः

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Lunesh Verma

साहित्ये ज्ञानराशि: निहिता: भवन्ति। अनुवादमाध्यमेन विविधभाषासु प्रसरिता:। अनुवादमाध्यमेन साहित्येषु निहितज्ञानराशिभि: लाभान्विता: भवन्ति। संस्कृते विपुलसाहित्यरचना उपलब्धा:। अस्यां भाषायां उपलब्धग्रन्थाणां विश्वस्य विविधभाषासु अनुवादा: उपलब्धा:। विवि

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आथर्व खेमका

आथर्व खेमका

मदन मोहन मैत्रेय

नाम से यह उपन्यास है, तो स्वाभाविक ही है कि चरित्र विशेष होगा। कहते है न कि युवा अवस्था जीवन का वह पड़ाव है, जहां पहुंचने के बाद मन की इच्छा पंख लगा कर उड़ने की होती है।....वह भले-बुरे के भेद को न तो समझना चाहता है और न ही समझ पाता है। फिर तो उसका जो ह

1 पाठक
61 रचनाएँ
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₹ 69/-

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294/-

आथर्व खेमका

आथर्व खेमका

मदन मोहन मैत्रेय

नाम से यह उपन्यास है, तो स्वाभाविक ही है कि चरित्र विशेष होगा। कहते है न कि युवा अवस्था जीवन का वह पड़ाव है, जहां पहुंचने के बाद मन की इच्छा पंख लगा कर उड़ने की होती है।....वह भले-बुरे के भेद को न तो समझना चाहता है और न ही समझ पाता है। फिर तो उसका जो ह

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प्रथा (एक नायिका )

प्रथा (एक नायिका )

Shraddha 'meera'

# जहां चाह , वहां राह । #नायिका #बदला #प्रेम #फंतासी ये कहानी है एक प्रेमिका , जिसने मौत से लड़कर अपना प्यार पाया और ईश्वर ने भी उसकी मदद की ,

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18 पाठक
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# जहां चाह , वहां राह । #नायिका #बदला #प्रेम #फंतासी ये कहानी है एक प्रेमिका , जिसने मौत से लड़कर अपना प्यार पाया और ईश्वर ने भी उसकी मदद की ,

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धर्मप्रेमिका ( एक पत्नी जो समाज की नज़रों में प्रेमिका रही )

धर्मप्रेमिका ( एक पत्नी जो समाज की नज़रों में प्रेमिका रही )

Shraddha 'meera'

राधे राधे दोस्तों आज मैं लेकर आई हूं एक नई कहानी , कहानी एक पत्नी के त्याग की , और एक पति के प्यार की, अजीत और तृषा की दोस्ती की , अजीत , तरुण मिहिर और मृत्युंजय की दोस्ती की , मृत्युंजय और तृषा के प्यार की कहानी धर्मप्रेमिका एक ऐसी पत्नी जिसे समाज

70 पाठक
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₹ 59/-

धर्मप्रेमिका ( एक पत्नी जो समाज की नज़रों में प्रेमिका रही )

धर्मप्रेमिका ( एक पत्नी जो समाज की नज़रों में प्रेमिका रही )

Shraddha 'meera'

राधे राधे दोस्तों आज मैं लेकर आई हूं एक नई कहानी , कहानी एक पत्नी के त्याग की , और एक पति के प्यार की, अजीत और तृषा की दोस्ती की , अजीत , तरुण मिहिर और मृत्युंजय की दोस्ती की , मृत्युंजय और तृषा के प्यार की कहानी धर्मप्रेमिका एक ऐसी पत्नी जिसे समाज

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भँवर(उपन्यास)

भँवर(उपन्यास)

आकाँक्षा जादौन

ईश्वर ने श्रष्ठी की श्रेष्ठ रचना की हैं।भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव जन्तु बनायें है।सबसे प्रखर बुद्धि से परिपूर्ण विकसित मानव की रचना की हैं।अपनी बुद्धि, विवेक,साहस का प्रयोग करके असम्भव को सम्भव करने में सक्षम रहा है ।...और भविष्य में होता रहेगा। शदि

22 पाठक
89 रचनाएँ
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₹ 222/-

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भँवर(उपन्यास)

आकाँक्षा जादौन

ईश्वर ने श्रष्ठी की श्रेष्ठ रचना की हैं।भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव जन्तु बनायें है।सबसे प्रखर बुद्धि से परिपूर्ण विकसित मानव की रचना की हैं।अपनी बुद्धि, विवेक,साहस का प्रयोग करके असम्भव को सम्भव करने में सक्षम रहा है ।...और भविष्य में होता रहेगा। शदि

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"प्रतिशोध :- जुर्म या जरूरत"

"प्रतिशोध :- जुर्म या जरूरत"

पवनेश मिश्रा

#बदला न्याय की तलाश में भटकने के उपरांत न्याय छीनने की कोशिश।

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₹ 53/-

प्रिंट बुक:

175/-

"प्रतिशोध :- जुर्म या जरूरत"

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पवनेश मिश्रा

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अल्हड़ रेशमा

अल्हड़ रेशमा

Dinesh Dubey

रेशमा एक सुंदर अल्हड़ और हसमुख लड़की है , उसके व्यवहार से सभी उसके दीवाने थे , हर किसी के सहायता के लिए वह सबसे आगे रहती थी , कॉलेज में भी उसका बहुत नाम था ,क्योंकि वह पढ़ाई से लेकर हर एक्टिविटीज में टॉपर है , और सुंदरता में भी कॉलेज में नंबर वन ही

6 पाठक
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₹ 66/-

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257/-

अल्हड़ रेशमा

अल्हड़ रेशमा

Dinesh Dubey

रेशमा एक सुंदर अल्हड़ और हसमुख लड़की है , उसके व्यवहार से सभी उसके दीवाने थे , हर किसी के सहायता के लिए वह सबसे आगे रहती थी , कॉलेज में भी उसका बहुत नाम था ,क्योंकि वह पढ़ाई से लेकर हर एक्टिविटीज में टॉपर है , और सुंदरता में भी कॉलेज में नंबर वन ही

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प्रेमांजली : क़िस्सों का सफर

प्रेमांजली : क़िस्सों का सफर

JP NARAYAN BHARTI

मेरे द्वारा लिखित , मौलिक ,साफ सुथरी , समाज को एक नई दिशा देने वाली कुछ चुनिंदा और रोचक कहानियों का संकलन , जो मेरे दिल के काफी करीब है ।

9 पाठक
11 रचनाएँ
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प्रेमांजली : क़िस्सों का सफर

प्रेमांजली : क़िस्सों का सफर

JP NARAYAN BHARTI

मेरे द्वारा लिखित , मौलिक ,साफ सुथरी , समाज को एक नई दिशा देने वाली कुछ चुनिंदा और रोचक कहानियों का संकलन , जो मेरे दिल के काफी करीब है ।

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औरत का वज़ूद

औरत का वज़ूद

Kanchan Shukla

मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के आंतरिक संघर्ष और अंतर्द्वंद को दर्शाने के साथ साथ उसको अपने वज़ूद को क़ायम रखने के लिए कितना मानसिक कष्ट सहन करना पड़ता है जिससे वह अपनी नारी गरिमा को भी बनाए रख सके अन्यथा उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।

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औरत का वज़ूद

औरत का वज़ूद

Kanchan Shukla

मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के आंतरिक संघर्ष और अंतर्द्वंद को दर्शाने के साथ साथ उसको अपने वज़ूद को क़ायम रखने के लिए कितना मानसिक कष्ट सहन करना पड़ता है जिससे वह अपनी नारी गरिमा को भी बनाए रख सके अन्यथा उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।

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