सन्ध्या गोयल सुगम्या
परिचय- संध्या गोयल सुगम्या सन्ध्या विद्यार्थी जीवन में स्वरचित कविता पर मोदी कला भारती के सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला पुरस्कार से सम्मानित हुईं। कुछ वर्ष पूर्व ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित ई पत्रिका "नींव" में प्रति माह बच्चों के लिए कविता एवं कहानी लिखीं। यह सिलसिला 3 वर्ष तक चला। इनकी बाल कहानियों की प्रथम पुस्तक "नन्हे दोस्त" नाम से प्रकाशित हुई। सम्प्रति स्वतंत्र लेखन में संलग्न। यू ट्यूब एवं Nojoto पर इनकी लिखी कहानियां,इनके ही स्वर में उपलब्ध हैं।
सुनो न!
अपनी बात मुझमें से गर निकाल दो मेरी लेखनी मेरी ज़िन्दगी से मेरी नहीं निभनी यूँ तो आते हैं सभी जीने के लिये पर ज़िन्दगी न लगती सबको भली इतनी सुख में सखी और दुख में दोस्त मेरी लेखनी ने कभी न होने दी कोफ्त मेरी अनुभूतियाँ ,जो कवित
सुनो न!
अपनी बात मुझमें से गर निकाल दो मेरी लेखनी मेरी ज़िन्दगी से मेरी नहीं निभनी यूँ तो आते हैं सभी जीने के लिये पर ज़िन्दगी न लगती सबको भली इतनी सुख में सखी और दुख में दोस्त मेरी लेखनी ने कभी न होने दी कोफ्त मेरी अनुभूतियाँ ,जो कवित