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Rakesh c pandey की पुस्तकें

बिखरे मोती

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इस पुस्तक के अंतर्गत आने वाली रचनाएँ आपको अपने परिवेश में घटित हो रही मानवीय घटनाओ का सूक्ष्म अवलोकन करवाएंगी.💐💐

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बिखरे मोती

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लम्बी कहानी....भँवर

लम्बी कहानी....भँवर

पुरुष मनोवृति और स्त्री विमर्श को रेखांकित करती एक अद्भुत कहानी है...कहानी बड़ी होने के कारण इसे 5 भागों में विभाजित किया है... ये मेरा आप से वादा है कहीं भी कहानी से दुराव महसूस नही करेंगे..💐💐

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लम्बी कहानी....भँवर

लम्बी कहानी....भँवर

पुरुष मनोवृति और स्त्री विमर्श को रेखांकित करती एक अद्भुत कहानी है...कहानी बड़ी होने के कारण इसे 5 भागों में विभाजित किया है... ये मेरा आप से वादा है कहीं भी कहानी से दुराव महसूस नही करेंगे..💐💐

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कवित्त कल्पना

कवित्त कल्पना

ये किताब उन कविताओं का संग्रह है...जो मैंने जीवन के संघर्षों में महसूस किया है...इनमे कुछ छोटी कुछ बड़ी कविताएँ है जो निःसंकोच आपको प्रभावित करेंगी..

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कवित्त कल्पना

कवित्त कल्पना

ये किताब उन कविताओं का संग्रह है...जो मैंने जीवन के संघर्षों में महसूस किया है...इनमे कुछ छोटी कुछ बड़ी कविताएँ है जो निःसंकोच आपको प्रभावित करेंगी..

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दैनिक लेखन

दैनिक लेखन

इस पुस्तक के अंतर्गत दैनिक लिखे गये लघु कथाएं, संस्मरण, कविताएँ पढ़ने को मिलेंगी..

1 पाठक
2 रचनाएँ

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मदारी और बन्दर

मदारी और बन्दर

रोज की समस्यायों से जूझता आम आदमी और खटमल के तरह खून चूसते सरकारी बाबू...

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मदारी और बन्दर

मदारी और बन्दर

रोज की समस्यायों से जूझता आम आदमी और खटमल के तरह खून चूसते सरकारी बाबू...

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परिणय दान

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Rakesh c pandey के लेख

भाग...१ (पेंशन विभाग)

1 अगस्त 2022
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मदारी और बन्दर...****************बोलिये बाबू जी...क्या करवाना है,?"पेंशन नही बनी अभी तक रिटायर होकर 7 महीने हो गये"मास्टर सत्यवान शुक्ला जी ने जबाब दिया।तो क्या दिक्कत है, 'हम दो दिन में करवा देंगे' उ

और तुम्हे खो दिया

31 जुलाई 2022
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और , तुम्हे खो दिया-------------------------------------भाग्य के लेखे को, पल में धो दिया।एक भूल की, और तुझे खो दिया।।तुमने,,,,,....कई बार मेरेह्रदय से लग के,माँगा था एक वादा।की थी पहल तुमने,

परिणाम क्या है..?

31 जुलाई 2022
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परिणाम क्या है****************कर लिया जो प्रेम तुमसे,अब मगर मैं सोचता हूँइस अनोखे प्रेम का-- फिर कहो परिणाम क्या हैतुम अधूरी हो कहींहम अधूरे हैं कहींइस अधूरी सी कहानी --का कहो अंजाम क्या है.....ज

स्त्री..२

31 जुलाई 2022
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'स्त्री'''''__कई बार,बार-बार।।आलम्ब से गिरी हूँ मैं,,..कभी तत्काल,कभी कुछ क्षण ठहरी हूँ मैं,,,,😢आह री विडम्बना !!!अपनी नारित्व पर ,अभिमान करूँ,या भोग्या का ,अपमान सहूं।।जब कोई? ????पिता तुल्य पुरुष न

फिर तो जीना बेमानी है

31 जुलाई 2022
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फिर तो जीना बेमानी है....................................कतरा-कतरा, नदिया,दरिया-सब आंखों का पानी है...तुमको देखूँ और आह! न निकले-फिर तो जीना बे-मानी है..जब कोरे पर कोई रंग चढ़ जाये-फिर दूजा रंग न चढ़ता

जो डर गया सो...(व्यंग्य)

31 जुलाई 2022
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जो डर गया....सो...??*******************एक महान आदमी हुये हैं.. जिनका नाम गब्बर था...उन्होंने कहा है कि भई.."जो डर गया सो मर गया" पर जास्ती लोग केवल बोलने के लिए बोल देता है पन डर तो सबको लगता है....आम

पण्डित ....रामबिहारी

30 जुलाई 2022
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नोट:- पाठक गण से  अनुरोध है कि ये कहानी केवल आपको गुदगुदाने के लिये लिखी गयी है। इसे किसी भी प्रकार का आछेप न समझते हुए कृपया केवल एक व्यंग्य की तरह मनोरंजन के लिये पढ़ें🙏🙏🙏 कहानी..... पंडित राम बि

जिज्ञासु..नचिकेता

30 जुलाई 2022
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कहानी-- नचिकेता *************** एक, मनोरम निर्झरणी के समीप फैली हरियाली के मध्य, एक सुन्दर कुटी बनी हुई थी। जिसमे आज विशेष हलचल थी। ऋषि, ऋषि कुमार, सहायक , परिचायक एवं आस-पास के कुछ जंगल निवासी। सबके

स्त्री"

29 जुलाई 2022
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स्त्री,,,😢😢 ************ मैंने आदिकाल से , संघर्षों को देखा है, सहा है, मेरे ही आंखों से पानी, आँचल से दुध बहा है, पुरातन में जब, तुम बिना वस्त्र , उदर-छुधा मिटाने को, भटकते थे कंदराओं में, और फिर

भँवर...भाग..४

28 जुलाई 2022
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भाग..३ से आगे... अभी इधर कुछ दिन से इंद्रदेव का क्रोध शांत भले हो गया हो किन्तु,नदियाँ तो अब भी अब भी अथाह सागर सी फैली हुई हैं। जिन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे सबकुछ अपने साथ बहा ले जाना चाहती हों.

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