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Meenakshi Suryavanshi के बारे में

जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....

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पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-05-01
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-21
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-02-09
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Daily Writing Competition2023-01-24
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-01-11
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-11-14
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Daily Writing Competition2022-08-31
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साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-17
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-03
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-06
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-02-16
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-01-05
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-12-11
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-12-01
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-11-17

Meenakshi Suryavanshi की पुस्तकें

कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना

833 पाठक
50 रचनाएँ
15 लोगों ने खरीदा

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₹ 105/-

प्रिंट बुक:

312/-

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना

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दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

429 पाठक
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दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

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मन दर्पण

मन दर्पण

कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त

182 पाठक
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176/-

मन दर्पण

मन दर्पण

कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त

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अंतिम सत्य

अंतिम सत्य

जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,

146 पाठक
25 रचनाएँ
181 लोगों ने खरीदा

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₹ 60/-

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अंतिम सत्य

अंतिम सत्य

जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,

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चंद कविताएं

चंद कविताएं

कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..

98 पाठक
73 रचनाएँ
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चंद कविताएं

चंद कविताएं

कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..

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मेरी कलम से.....

मेरी कलम से.....

किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।

67 पाठक
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मेरी कलम से.....

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डायरी और कलम

डायरी और कलम

अकेलापन भी दूर हो जाता है, अगर साथ में डायरी और कलम हो....

50 पाठक
21 रचनाएँ

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डायरी और कलम

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अकेलापन भी दूर हो जाता है, अगर साथ में डायरी और कलम हो....

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समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ

50 पाठक
100 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

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₹ 158/-

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

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समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ

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शब्द-ए-सफर

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शब्दों का महत्व तो इंसान के बोलने पर समझ आता हैं, वरना ” स्वागत ” तो पायदान पर भी लिखा होता हैं। शब्द ही दुनिया हैं” जो भी व्यक्ति शब्दों का महिमा और शब्दों की शक्ति को समझ लेता है, वो व्यक्ति इस जीवन को भी समझ लेता हैं। शब्द से ही इंसान की पहचान हो

43 पाठक
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शब्द-ए-सफर

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शब्दों का महत्व तो इंसान के बोलने पर समझ आता हैं, वरना ” स्वागत ” तो पायदान पर भी लिखा होता हैं। शब्द ही दुनिया हैं” जो भी व्यक्ति शब्दों का महिमा और शब्दों की शक्ति को समझ लेता है, वो व्यक्ति इस जीवन को भी समझ लेता हैं। शब्द से ही इंसान की पहचान हो

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Meenakshi Suryavanshi के लेख

सिर्फ तुम

25 नवम्बर 2023
1
0

सुनो....कुल पल कुछ वक्त मांगती हूं तुम्हारा, और इससे ज्यादा कुछ नहीं मांगती हूं।कुछ प्यार के लम्हें मेरे संग बिताओ,इससे ज्यादा, क्या सारा जग मांगती हूं।महंगे-महंगे तोहफे नहीं चाहिए मुझे,रूठना, मा

यादें

31 अक्टूबर 2023
5
0

भुल गए हैं तेरी बातों को अब उन यादों का क्या करे,रास्ते अब बदल गए हैं अब इन मुलाकातों का क्या करे।जनम जनम की सदियों में भी नहीं मिलना तेरा मेरा,फिर कुछ बचा ही नही अब इन रोकर हालातों का क्या करे।तुम्हा

प्रकाश

31 अक्टूबर 2023
5
0

अंधेरे रास्ते और चारों ओर तूफ़ान घनघोर हैं,दीवारें टुट गई और दरवाजे भी हैं कमज़ोर हैं।इन बुझते दिये को देख मन घबराता बहुत हैं,मेरे टूटते दिल की आवाजों का बहुत जोर हैं।कांटे भरे राह पर चलना कोई मुश्किल

तेरी बाते

31 अक्टूबर 2023
5
0

तुझे मेरी आंखे निहारती रहती हैं,अकेले में भी तुझे तलाशती रहती हैं।तेरी ही बातों को याद करते हैं,कैसे ये मेरा वक्त गुजारती रहती हैं।तुम मेरे दीया मैं तेरी बाती बन चाहतों को पन्नों पर उतारती रहती ह

घाव

31 अक्टूबर 2023
5
0

तुझे इश्क करने वाले कम ना होगें,मगर भीड़ में कभी हम ना होंगे।इस दर्द को भी हम पी लेते,जो ये आंखें हमारी नम ना होंगे।घाव तो गहरा दिया है तुमने,उस दर्द के कोई मलहम ना होंगे।दिलों की बातें तो होती ही रहे

पता नही

31 अक्टूबर 2023
5
0

उन्हें सब ख़बर थी लेकिन कहते हैं पता नही हैं,वो कहते हैं अब इसमें मेरी कोई खता नही हैं।दिन रात केवल आंसु ही बहाते उनके सामने हैं,वो कहते हमें इस ज़ख्म की कोई वफ़ा नही हैं।दिल पर हमारे हमेशा घाव

हालात

31 अक्टूबर 2023
5
0

अपने ही हालातों से छूटे हुए हैं,देखो कैसे खुद से ही रूठे हुए हैं।न रिश्ते न अब कोई चाहत रही,बंदगी के हर दौर से छूटे हुए हैं।कौन अपना है ये वक्त बताएगा,अपनो की दुआओं से लूटे हुए हैं।चन्द शब्दों में सब

इल्ज़ाम

31 अक्टूबर 2023
5
0

तूझे कैसे हमने इस दुनिया से छुपा रखा है, तेरे लिए हमने खुद को ही संभाल रखा है।क्या मेरा पैगाम पहुंचेगा तुम्हारी आंखों में नजर अंदाज करने का जो पर्दा डाल रखा है।कभी अपने वादों को तुमने

तेरी खुशी

31 अक्टूबर 2023
5
0

तेरी खुशी के लिये खुद को तुझसे जुदा कर दिया,हमने तो मोहब्बत में तुझ को ही खुदा कर दिया।अब तो फ़रिश्ते भी मेरे घर का पता पूछतें हैं,कि कौन है जिसने इश्क़ को ही सदा कर दिया।तेरे दिये ज़ख्म भी तो तुझसे प

एहसास

31 अक्टूबर 2023
4
0

एहसासों का एक आसमान अभी और भी है,हमारी तुम्हारी जान पहचान अभी और भी है।वक्त बीतेगा जिंदगी हरपल बदलते जायेगी,हमारी मोहब्बत के निशान अभी और भी है।नसीब में जो लिखा न हम जानते और न तुम,अपने पन की एक जुबान

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