shabd-logo

common.aboutWriter

जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....

Other Language Profiles

common.awards_and_certificates

prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-09
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-04
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-07
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-09-24
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-08-30
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-08-24
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-08-16
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-05-01
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-21
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-02-09
prize-icon
Daily Writing Competition2023-01-24
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-01-11
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-11-14
prize-icon
Daily Writing Competition2022-08-31
prize-icon
साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-17

common.books_of

कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

4130 common.readCount
75 common.articles

निःशुल्क

कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

4130 common.readCount
75 common.articles

निःशुल्क

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना

833 common.readCount
50 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 105/-

प्रिंट बुक:

312/-

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना

833 common.readCount
50 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 105/-

प्रिंट बुक:

312/-

दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

434 common.readCount
119 common.articles

निःशुल्क

दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

434 common.readCount
119 common.articles

निःशुल्क

मन दर्पण

मन दर्पण

कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त

183 common.readCount
40 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 53/-

प्रिंट बुक:

176/-

मन दर्पण

मन दर्पण

कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त

183 common.readCount
40 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 53/-

प्रिंट बुक:

176/-

अंतिम सत्य

अंतिम सत्य

जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,

146 common.readCount
25 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 60/-

प्रिंट बुक:

196/-

अंतिम सत्य

अंतिम सत्य

जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,

146 common.readCount
25 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 60/-

प्रिंट बुक:

196/-

डायरी और कलम

डायरी और कलम

अकेलापन भी दूर हो जाता है, अगर साथ में डायरी और कलम हो....

103 common.readCount
41 common.articles

निःशुल्क

डायरी और कलम

डायरी और कलम

अकेलापन भी दूर हो जाता है, अगर साथ में डायरी और कलम हो....

103 common.readCount
41 common.articles

निःशुल्क

चंद कविताएं

चंद कविताएं

कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..

98 common.readCount
73 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 66/-

चंद कविताएं

चंद कविताएं

कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..

98 common.readCount
73 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 66/-

मेरी कलम से.....

मेरी कलम से.....

किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।

67 common.readCount
116 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 33/-

मेरी कलम से.....

मेरी कलम से.....

किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।

67 common.readCount
116 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 33/-

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ

50 common.readCount
100 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 158/-

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ

50 common.readCount
100 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 158/-

शब्द-ए-सफर

शब्द-ए-सफर

शब्दों का महत्व तो इंसान के बोलने पर समझ आता हैं, वरना ” स्वागत ” तो पायदान पर भी लिखा होता हैं। शब्द ही दुनिया हैं” जो भी व्यक्ति शब्दों का महिमा और शब्दों की शक्ति को समझ लेता है, वो व्यक्ति इस जीवन को भी समझ लेता हैं। शब्द से ही इंसान की पहचान हो

49 common.readCount
185 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 66/-

शब्द-ए-सफर

शब्द-ए-सफर

शब्दों का महत्व तो इंसान के बोलने पर समझ आता हैं, वरना ” स्वागत ” तो पायदान पर भी लिखा होता हैं। शब्द ही दुनिया हैं” जो भी व्यक्ति शब्दों का महिमा और शब्दों की शक्ति को समझ लेता है, वो व्यक्ति इस जीवन को भी समझ लेता हैं। शब्द से ही इंसान की पहचान हो

49 common.readCount
185 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 66/-

common.seeMore

common.kelekh

तुम्हारे लिए..

15 नवम्बर 2024
1
0

हमने उनसे अब के अपना रार ठान लिया है,क्योंकि उनकी फितरत को पहचान लिया है।सच ही कहा है इश्क में सब तबाह हो जाता,इसलिए अपने आपको मुल्जिम मान लिया है।कमाल का दर्द दिया तूने रो सके न हंस पाए,पथिक हैं,इन क

आशातीत मां

9 नवम्बर 2024
1
0

यह बात बिल्कुल सत्य की एक मां के लिए उनके बच्चों से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं होता है। लेकिन क्या एक बच्चे भी अपने माता-पिता को उतना ही प्यार करते है,,,,,,हां, वह तो ठीक है चाचा जी, लेकिन आपने मानस

इश्क

6 नवम्बर 2024
1
0

अभी तुमने देखा नहीं इश्क परवाने का,ये नाम ही है ख़ुद से अपने गुज़रने का।हर गम पे ये साकी मुझे याद आता है,रास्ता भूल न जाऊँ कहीं इस मैख़ाने का।अपने प्यार का अफ़साना सुनाने वालों,फ़िर क्यों डर लगता है इस

सच्चा प्रेम पत्र

4 नवम्बर 2024
2
2

आज का टॉपिक देखहमें वह जमाना याद आया,वह दिन रंगते जुनून का सोच अजीब सा नशा छाया खो गए उन पुरानी यादों में जब अक्सर बातें हुआ करती थी वादों मेंतब बातें नहीं अक्षर बयां करते थे प्या

पर्यावरण अनुकूल जीवन

26 अक्टूबर 2024
1
0

मिलकर करे पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत , पर्यावरण की सुरक्षा यह ही सबसे पहली बात।नदियाँ हमसे कहती है चुभता हमेशा एक सवाल,कहाँ गया पर्यावरण अब कैसा जीना हुआ मुहाल।बादलों से पूछो जरा क्या है पानी की

दुनियां

25 अक्टूबर 2024
1
0

कश्मकश में जी रही थी न खुशी थी न रो रही थी यूँ समझ लो कि बंदिशों में जी रही थी मेरा भी हसीन सपना थागैर नहीं वो मेरे दिल में बसा अपना थाकद्र उनको मेरी न थीवो बेफिक्र से लगते थे

जिंदगी

24 अक्टूबर 2024
1
0

खुशियों का एक अरमान लिए चलते हैं। चेहरे पर एक मुस्कान लिए चलते हैं। जिंदगी छोटी है खुलकर जी लो सभी,अपनी खुद की पहचान लिए चलते हैं।उस आसमां को भी छूना है एक दिन,सपनों मे अपनी जान लिए चलते हैं

सफ़र

24 अक्टूबर 2024
1
0

हम तुम्हारे लिखे शब्दों की आवाज़ हूं,एक ख़ामोशी लिए दर्द का आगाज हूं।तुम्हारे बारे में सोच आंसु छलक आये हैं,ये जिन्दगी समझ न पाई वो एक राज हूं।आकार तो देखो ये सदियां गुजर रही है, कारवां गुजरा इस

दस्तक

15 अक्टूबर 2024
1
0

तू कभी दस्तक दे तेरी राह तकने की आदत हो गयी, लगता जैसे समुद्र को भी किनारे से मुहब्बत हो गयी।चारों तरफ केवल पतझड़ ही पतझड़ नज़र आता हैं,फूल को कैसे अब भला इन काँटों की चाहत हो गयी।इश्क की ध

कुछ चाहते हैं..

9 अक्टूबर 2024
1
0

अपनी ही आशिकी का जुर्माना चाहते हैं,मोहब्बत का एक प्यारा नजराना चाहते हैं।उम्र भर हमारा हाथ पकड़कर साथ चलोंगे, हम इस विश्वास का एक तराना चाहते हैं।जब भी मिलो हमसे निगाहों से बात करना,हमारे दिल पर

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए