Meenakshi Suryavanshi
जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....
कायरा का इंसाफ
मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क
कायरा का इंसाफ
मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क
कर्कोटक का क्रोध
कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना
कर्कोटक का क्रोध
कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना
दास्तान-ए-गजल
सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।
दास्तान-ए-गजल
सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।
मन दर्पण
कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त
मन दर्पण
कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त
अंतिम सत्य
जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,
अंतिम सत्य
जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,
चंद कविताएं
कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..
चंद कविताएं
कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..
मेरी कलम से.....
किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।
मेरी कलम से.....
किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।
समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी
समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ
समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी
समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ
शब्द-ए-सफर
शब्दों का महत्व तो इंसान के बोलने पर समझ आता हैं, वरना ” स्वागत ” तो पायदान पर भी लिखा होता हैं। शब्द ही दुनिया हैं” जो भी व्यक्ति शब्दों का महिमा और शब्दों की शक्ति को समझ लेता है, वो व्यक्ति इस जीवन को भी समझ लेता हैं। शब्द से ही इंसान की पहचान हो
शब्द-ए-सफर
शब्दों का महत्व तो इंसान के बोलने पर समझ आता हैं, वरना ” स्वागत ” तो पायदान पर भी लिखा होता हैं। शब्द ही दुनिया हैं” जो भी व्यक्ति शब्दों का महिमा और शब्दों की शक्ति को समझ लेता है, वो व्यक्ति इस जीवन को भी समझ लेता हैं। शब्द से ही इंसान की पहचान हो