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जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-09
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-04
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-07
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-09-24
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-08-30
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-08-24
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-08-16
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-05-01
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-21
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-02-09
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Daily Writing Competition2023-01-24
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-01-11
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-11-14
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Daily Writing Competition2022-08-31
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साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-17

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कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक का क्रोध

कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना

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कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना

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दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

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मन दर्पण

मन दर्पण

कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त

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अंतिम सत्य

अंतिम सत्य

जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,

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जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,

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डायरी और कलम

डायरी और कलम

अकेलापन भी दूर हो जाता है, अगर साथ में डायरी और कलम हो....

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चंद कविताएं

चंद कविताएं

कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..

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चंद कविताएं

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मेरी कलम से.....

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किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।

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समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी

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समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ

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शब्द-ए-सफर

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शब्दों का महत्व तो इंसान के बोलने पर समझ आता हैं, वरना ” स्वागत ” तो पायदान पर भी लिखा होता हैं। शब्द ही दुनिया हैं” जो भी व्यक्ति शब्दों का महिमा और शब्दों की शक्ति को समझ लेता है, वो व्यक्ति इस जीवन को भी समझ लेता हैं। शब्द से ही इंसान की पहचान हो

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ख्वाब

9 दिसम्बर 2024
1
0

बागों का आज नया गुलशन खिलाते है,मुहब्बत की खुशबू से इसको महकाते है।हाथों में हाथ थामकर रहेंगे साथ हमेशा,आओ ख्वाबों की सजी बारात बुलाते हैं।कभी दर्द न हो हृदय में,प्रेम की लहर उठे,एक वादा हमसे बस हमेशा

शब्द

9 दिसम्बर 2024
1
0

तुम विज्ञान के गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा के विपरीत है,प्रकृति की सुंदरता संजोकर रखने में जैसे पल्लवित हैं,तुम गणित के जोड़, घटाव, गुना, भाग से दुशवार है,छोटी छोटी बातों को शब्दों में पिरोए जैसे कोई गह्

ख्वाब

3 दिसम्बर 2024
1
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सफलता

30 नवम्बर 2024
1
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खुद तकदीर अपने हाथ से लिखते जाओ तो,जिंदगी की किताब खुद से पढ़ते जाओ तो।असंभव कुछ भी नही अगर तुम ठान लो तो, एकाग्रता से अगर आगे बढ़ते जाओ तो।वो और होगे जो डर जाते है तूफां के सामने,जंग की हर

बिना रंग की दुनिया

28 नवम्बर 2024
1
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बेरंग सी दुनिया में क्या है जज्बात,जैसे तुमने की थी इश्क की शुरुआत।कभी करीब दिल के आकर देखो,समझ लोंगे तुम मेरे दिल के हालात।जो देखें थे हमने सपने साथ साथ,आओ कभी करेंगे फिर से वहीं बात।दूर से ही मुझे ए

चाहत

22 नवम्बर 2024
1
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कभी तो मधुर संगीत सुनाइए,कभी तो मीठे बोल गुन गुनाए।चाहत के सुंदर फ़ुल खिले हैं,कभी इश्क की खुशबू महकाए।तुम भी तो कुछ कहा करो यार,कभी हमें अपने पास भी बुलाइए।आकर थाम लेना तुम मेरा हाथ, कभी आंख से आ

तुम्हारे लिए..

15 नवम्बर 2024
1
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हमने उनसे अब के अपना रार ठान लिया है,क्योंकि उनकी फितरत को पहचान लिया है।सच ही कहा है इश्क में सब तबाह हो जाता,इसलिए अपने आपको मुल्जिम मान लिया है।कमाल का दर्द दिया तूने रो सके न हंस पाए,पथिक हैं,इन क

आशातीत मां

9 नवम्बर 2024
1
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यह बात बिल्कुल सत्य की एक मां के लिए उनके बच्चों से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं होता है। लेकिन क्या एक बच्चे भी अपने माता-पिता को उतना ही प्यार करते है,,,,,,हां, वह तो ठीक है चाचा जी, लेकिन आपने मानस

इश्क

6 नवम्बर 2024
1
0

अभी तुमने देखा नहीं इश्क परवाने का,ये नाम ही है ख़ुद से अपने गुज़रने का।हर गम पे ये साकी मुझे याद आता है,रास्ता भूल न जाऊँ कहीं इस मैख़ाने का।अपने प्यार का अफ़साना सुनाने वालों,फ़िर क्यों डर लगता है इस

सच्चा प्रेम पत्र

4 नवम्बर 2024
2
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आज का टॉपिक देखहमें वह जमाना याद आया,वह दिन रंगते जुनून का सोच अजीब सा नशा छाया खो गए उन पुरानी यादों में जब अक्सर बातें हुआ करती थी वादों मेंतब बातें नहीं अक्षर बयां करते थे प्या

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