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सुनो न!

सुनो न!

सन्ध्या गोयल सुगम्या

61 भाग
0 लोगों ने खरीदा
19 पाठक
26 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-93-94647-10-7
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon

अपनी बात मुझमें से गर निकाल दो मेरी लेखनी मेरी ज़िन्दगी से मेरी नहीं निभनी यूँ तो आते हैं सभी जीने के लिये पर ज़िन्दगी न लगती सबको भली इतनी सुख में सखी और दुख में दोस्त मेरी लेखनी ने कभी न होने दी कोफ्त मेरी अनुभूतियाँ ,जो कविता बन गईं मेरे मन का हिस्सा थीं अब पाठकों तक पहुँच गईं किसी भी रचनाकार के मन में जब कोई रचना आकार लेती है, तब वह उसकी नितान्त अपनी होती है। किन्तु वही जब पाठकों तक पहुँचती है तो वह सार्वजनिक हो जाती है। लिखने वाले ने जिस भाव से लिखी हो, उसके पाठक उसे उसी भाव से ग्रहण करें, यह आवश्यक नहीं। समय, परिस्थिति और स्वभाव के अनुसार पाठक उसे अलग अलग रूप में भी ग्रहण करते हैं। शब्द. इन के माध्यम से अपनी कविताओं को आप सुधी पाठकों तक पहुँचाते हुए मुझे बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है। सन्ध्या गोयल सुगम्या 

सुनो न!

सुनो न!

सन्ध्या गोयल सुगम्या

61 भाग
0 लोगों ने खरीदा
19 पाठक
26 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-93-94647-10-7
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon

अपनी बात मुझमें से गर निकाल दो मेरी लेखनी मेरी ज़िन्दगी से मेरी नहीं निभनी यूँ तो आते हैं सभी जीने के लिये पर ज़िन्दगी न लगती सबको भली इतनी सुख में सखी और दुख में दोस्त मेरी लेखनी ने कभी न होने दी कोफ्त मेरी अनुभूतियाँ ,जो कविता बन गईं मेरे मन का हिस्सा थीं अब पाठकों तक पहुँच गईं किसी भी रचनाकार के मन में जब कोई रचना आकार लेती है, तब वह उसकी नितान्त अपनी होती है। किन्तु वही जब पाठकों तक पहुँचती है तो वह सार्वजनिक हो जाती है। लिखने वाले ने जिस भाव से लिखी हो, उसके पाठक उसे उसी भाव से ग्रहण करें, यह आवश्यक नहीं। समय, परिस्थिति और स्वभाव के अनुसार पाठक उसे अलग अलग रूप में भी ग्रहण करते हैं। शब्द. इन के माध्यम से अपनी कविताओं को आप सुधी पाठकों तक पहुँचाते हुए मुझे बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है। सन्ध्या गोयल सुगम्या

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पुस्तक के भाग
1

भूमिका आदरणीया आशा शैली जी

7 मई 2022

0
0
2

हिन्दी

25 जनवरी 2022

0
0
3

आह्वान

25 जनवरी 2022

0
0
4

"यादें"

27 जनवरी 2022

2
0
5

"बढ़ता वजन, घटता विज़न"

27 जनवरी 2022

0
2
6

"मेरी कविता"

27 जनवरी 2022

0
0
7

"पहले ही"

27 जनवरी 2022

1
0
8

"ऐ ज़िन्दगी"

27 जनवरी 2022

1
1
9

"आओ, कुछ देर बैठें"

27 जनवरी 2022

1
2
10

आँगन

8 फरवरी 2022

0
0
11

"गुम"

8 फरवरी 2022

1
0
12

सरसों

8 फरवरी 2022

1
4
13

मेहमान

8 फरवरी 2022

0
0
14

सजा सज़ा

8 फरवरी 2022

3
1
15

मना

8 फरवरी 2022

1
2
16

छंद

18 फरवरी 2022

0
0
17

चंद्रयान

18 फरवरी 2022

0
0
18

आनन्द

18 फरवरी 2022

1
1
19

कोविड

18 फरवरी 2022

0
0
20

"अब तो बस करो न"

18 फरवरी 2022

0
0
21

जीवन का आधार

18 फरवरी 2022

0
0
22

"सोचो कभी तो"

18 फरवरी 2022

0
0
23

"अभिलाषा"

18 फरवरी 2022

0
0
24

साड़ी

5 मार्च 2022

0
0
25

हम सब भारतीय हैं

5 मार्च 2022

0
0
26

देने की सोचें

5 मार्च 2022

0
0
27

आँखें खोलो

5 मार्च 2022

0
0
28

हिन्दी

5 मार्च 2022

0
0
29

जल

5 मार्च 2022

0
0
30

प्रश्नचिन्ह

5 मार्च 2022

0
0
31

एडिट

5 मार्च 2022

0
0
32

पौधों से प्यार

6 मार्च 2022

1
0
33

दीपावली

6 मार्च 2022

0
0
34

"बिन बरसे ही"

6 मार्च 2022

0
0
35

जय सियाराम

8 मार्च 2022

0
0
36

कुछ तो

8 मार्च 2022

0
0
37

सुख

8 मार्च 2022

1
0
38

फिक्र

8 मार्च 2022

0
0
39

फायदा

8 मार्च 2022

1
0
40

सुख दुख

8 मार्च 2022

0
0
41

मुस्कुराहट

8 मार्च 2022

0
0
42

"हार"

8 मार्च 2022

0
0
43

"कह दें"

5 अप्रैल 2022

0
0
44

आम

5 अप्रैल 2022

0
0
45

मोहे

5 अप्रैल 2022

0
0
46

त्यौहार

6 अप्रैल 2022

1
2
47

आया बसन्त

6 अप्रैल 2022

0
0
48

"वाट्स एप्प पर आप क्या हैं"

6 अप्रैल 2022

0
0
49

"अगर तुम न होते"

6 अप्रैल 2022

0
0
50

ईद

6 अप्रैल 2022

0
0
51

सुकून

6 अप्रैल 2022

0
0
52

सावरकर जी

6 अप्रैल 2022

0
0
53

"स्त्री थोड़ी पागल होती है न"

6 अप्रैल 2022

0
0
54

"फितरत"

6 अप्रैल 2022

0
0
55

आजादी

6 अप्रैल 2022

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0
56

मैं गौरैया

6 अप्रैल 2022

0
0
57

धन्यवाद

6 अप्रैल 2022

0
0
58

मानो तो सुख

7 अप्रैल 2022

0
0
59

मेरे प्रिय मोबाइल फोन

13 अप्रैल 2022

0
0
60

"तुम बिन चैन कहाँ"

19 अप्रैल 2022

0
0
61

संता बंता

19 अप्रैल 2022

0
0
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