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नाम- रविन्द्र सिंह पंवार जन्म- 05 अगस्त 1957 (उत्तर प्रदेश के एटा जिले के गाँव अढ़ापुरा में) शिक्षा- एम.ए. (हिंदी) रचनाएं- संत गोविंद साहिब, संत सिंगाजी, संत जगजीवनदास, मुक्ति का भ्रम, कर्म बंधा संसार | आध्यात्मिक सतगुरू- श्री हजूर महाराज जी (राधास्वामी सत्संग ब्यास) सम्प्रति- संगम विहार, नई दिल्ली-110080 मोबाइल न० 9810318136 (rspanwar1956@gmail.com)

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संत गोविंद साहिब

संत गोविंद साहिब

यह पुस्तक अयोध्या के विख्यात संत गोविन्द साहिब की जीवनी और उपदेश से सम्बंधित है l पुस्तक में गोविन्द साहिब द्वारा रचित पदों की सरल ब्याख्या एवं अन्य संतों की वाणी से तुलनात्मक अध्ययन समाहित किया गया है l

19 common.readCount
24 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 53/-

प्रिंट बुक:

282/-

संत गोविंद साहिब

संत गोविंद साहिब

यह पुस्तक अयोध्या के विख्यात संत गोविन्द साहिब की जीवनी और उपदेश से सम्बंधित है l पुस्तक में गोविन्द साहिब द्वारा रचित पदों की सरल ब्याख्या एवं अन्य संतों की वाणी से तुलनात्मक अध्ययन समाहित किया गया है l

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समर्पण

29 मार्च 2022
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जिसने जगत की घोर दलदल से उठाया, जिसने सबल सहारा देकर जगाया,  जो हर सांस में अपनी उपस्थिति का एहसास देता है, ऐसे मेरे सतगुरु ‘हजूर’ के चरणों में... ****  बलिहारी सतगुरु एक अपना ।। खुलो कपाट दरस द

उपसंहार

17 मार्च 2022
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यदि गोविन्द साहिब की समग्र वाणी और उपदेश पर विचार किया जाए तो सिद्ध होता है कि आप गुरु नानकदेव जी, कबीर साहिब, गुरु रविदास जी, दादू साहिब आदि अनेक महापुरुषों की भाँति नामभक्ति द्वारा सुरत-शब्द की साधन

कुछ चयनित साखियाँ (दोहे)

17 मार्च 2022
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कला दिखावै अमित प्रभु, भला मचा मैदान । जय गोविन्द गुरु ज्ञान को, को करि सकै बयान ।।                                                                           (साखी-6) अगम अगोचर पंथ है, पहुंचे विररा

विविध वाणी

17 मार्च 2022
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उपरोक्त सभी प्रसंगों में अनेक विषयों पर हम गोविन्द साहिब की वाणी पर विचार करके आए हैं । आपने बहुत से फुटकल शब्दों, साखियों, छप्पय और सवैयों की भी रचना की है जिनको किसी विषय से सम्बद्ध नहीं किया है ।इस

बसन्त

17 मार्च 2022
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बसंत का मौसम बड़ा सुहावना होता है तथा इसको सभी मौसमों में अच्छा माना जाता है । पेड़ों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनमें नई कोपलें निकल आती हैं । हर तरफ विभिन्न प्रकार के फूलों की बहार होती है । गर्मी

होरी

16 मार्च 2022
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होली रंगों का त्यौहार है । लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं तथा हर्ष और उल्लास के साथ गले मिलकर प्रेम का इज़हार करते हैं । अनेक संत-महात्माओं ने होली को आधार बनाकर वाणी की रचना की है जिनमें बाहर के रंगों

आरती

16 मार्च 2022
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संसार के लोग कई प्रकार से ज्योति जलाकर आरती करते हैं । आरती का समाज में बड़ा महत्व है । किसी भी शुभ कार्य में, घरों और धर्मस्थानों में संध्याकाल में तथा पवित्र माने जाने वाली नदियों की भी आरती उतारी जा

विजय दशमी

16 मार्च 2022
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हिन्दू समाज में ‘विजया दशमी’ तिथि का बहुत बड़ा महत्व है । अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को दशहरा उत्सव मनाया जाता है ।यह एक विजय दिवस के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार है । कहा जाता है कि इ

हिंडोलना

16 मार्च 2022
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हिंडोलना का शाब्दिक अर्थ है ‘झूला’ । अक्सर सावन के महीने और बसंत ऋतु में झूला झूलने का प्रचलन है । लम्बी रस्सी से बंधे हुए झूले पर बैठकर लोग ऊंचाई तक हवा में झूल कर रोमांच का अनुभव करते हैं । अक्सर कि

अलिफनामा

16 मार्च 2022
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अन्य अनेक संतों की भांति गोविन्द साहिब ने ‘अलिफनामा’ की रचना की है ।संतों ने कभी महीनों, कभी दिनों, कभी वर्णमाला के अक्षरों को माध्यम बना कर उपदेश दिया है । अलिफनामा में उर्दू भाषा के अक्षरों को माध्य

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