इस उपन्यास में एक औरत की सहनशक्ति को दर्शाते हुए यह बताने की कोशिश की गई है कि,एक औरत को अपने पति पर विश्वास करना चाहिए पर अंधविश्वास नहीं क्योंकि किसी भी रिश्ते पर किया गया अंधविश्वास आगे चलकर स्वयं के ही विश्वास को खंड-खंड कर देता है जो एक औरत की आत्मा तड़प कर अंदर-ही-अंदर छटपटा उठती है और उस तड़प की आवाज उसके अतिरिक्त दूसरा कोई सुन ही नहीं पाता।
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