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हिंदी साहित्य को समर्पित शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. निशा गुप्ता उर्फ (डॉ.निशा नंदिनी भारतीय) का जन्म रामपुर(उत्तर प्रदेश) में 13 सितंबर 1962 में हुआ। आपने साहित्य के साथ-साथ शिक्षा जगत व समाज सेविका के रूप में भी एक अलग पहचान बनाई है। आपने तीन विषयों ( हिन्दी,समाजशास्त्र व दर्शनशास्त्र) में एम.ए तथा बी.एड की शिक्षा प्राप्त की है। 40 वर्षों से निरंतर आपका लेखन चल रहा है। लेखन क्षेत्र में आपने लगभग हर विधा पर अपनी कलम चलाई है। कविता,गीत,उपन्यास,कहानियां, यात्रा वृतांत, जीवनियाँ तथा बाल साहित्य आदि अनेक विधाओं में आपकी लेखनी का प्रभाव माना गया है। आपके साहित्य से समाज व राष्ट्र में एक नई जागृति आई है। आपकी अधिकतर रचनाएं राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत है। विश्वविद्यालय स्तर पर आपके साहित्य को कोर्स में पढ़ाया जा रहा है। आपके साहित्य पर एम.फिल हो चुकी है और कुछ शोधार्थी शोधकार्य भी कर रहे हैं। 30 वर्ष तक आप शिक्षण कार्य करते हुए लेखन व समाजसेवा से भी जुड़ी रही हैं।आपकी अब तक विभिन्न विषयों पर 6 दर्जन से भी अधिक पुस्तकें, विभिन्न प्रतिष्ठित प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित हो चुकी हैं। आप की पुस्तकें भारतीय समाज को दिशा निर्देशित कर प्रेरित करती हैं। यही कारण है कि आपकी अनेकानेक पुस्तकों पर आपको देश-विदेश की विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है। आपके सराहनीय कार्यों के लिए अब तक आपको साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा लगभग 4 दर्जन सम्मान एवं पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ.निशा गुप्ता समाज सेविका के रूप में भी अपने कर्तव्य का निर्वाह बड़ी निष्ठा और ईमानदारी से करती हैं। आपने अपने जीवन में रचनात्मकता को विशेष महत्व दिया है,यही कारण है कि देश की प्रतिष्ठित संस्था "प्रकृति फाउंडेशन" द्वारा प्रकाशित "इंडियन रिकॉर्ड

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साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-01
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साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-19
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-13
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-01
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-04-27
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-03-20

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मुट्ठी भर रेत

मुट्ठी भर रेत

"मुट्ठी भर रेत" काव्य संग्रह में इंद्रधनुषी रंगों से रंगी अनेकानेक रचनाएं हैं। कहीं मां के आंचल की सुगंध है,तो कहीं देश-भक्ति का रंग दिखाई देता है। कुछ रचनाएं समाज को ललकारती हैं, तो कुछ प्रेम से पुचकार कर उन्नति के पथ पर अग्रसर करती हैं।

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मुट्ठी भर रेत

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"मुट्ठी भर रेत" काव्य संग्रह में इंद्रधनुषी रंगों से रंगी अनेकानेक रचनाएं हैं। कहीं मां के आंचल की सुगंध है,तो कहीं देश-भक्ति का रंग दिखाई देता है। कुछ रचनाएं समाज को ललकारती हैं, तो कुछ प्रेम से पुचकार कर उन्नति के पथ पर अग्रसर करती हैं।

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रामायण की कहानियाँ और शिक्षा

रामायण की कहानियाँ और शिक्षा

आखिर यह रामायण है क्या? इससे क्या सीखना है? इसका मनन क्यों करें? राजा दशरथ का अंजाने में श्रवण कुमार की हत्या करना, उनका श्रापित होना, कैकेयी का वचन, राजा दशरथ का अपने प्रिय पुत्र का मरणासन्न वियोग, राम का 14 साल का वनवास, लक्ष्मण का भाई प्रेम, उ

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रामायण की कहानियाँ और शिक्षा

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आखिर यह रामायण है क्या? इससे क्या सीखना है? इसका मनन क्यों करें? राजा दशरथ का अंजाने में श्रवण कुमार की हत्या करना, उनका श्रापित होना, कैकेयी का वचन, राजा दशरथ का अपने प्रिय पुत्र का मरणासन्न वियोग, राम का 14 साल का वनवास, लक्ष्मण का भाई प्रेम, उ

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व्यथा कथा ( कहानी संग्रह)

व्यथा कथा ( कहानी संग्रह)

इस पुस्तक में दी गईं सभी कहानियां सत्य घटनाओं पर आधारित है। यह कहानियां पाठक के हृदय पर एक अमिट छाप अवश्य चिन्हित करेंगी। छोटा जादूगर, टुलु की प्रेमकथा, रेवती की खुद्दारी, संवाद, पतंग सिर्फ खेल नहीं आदि कहानियां प्रेरणाप्रद हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्

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इस पुस्तक में दी गईं सभी कहानियां सत्य घटनाओं पर आधारित है। यह कहानियां पाठक के हृदय पर एक अमिट छाप अवश्य चिन्हित करेंगी। छोटा जादूगर, टुलु की प्रेमकथा, रेवती की खुद्दारी, संवाद, पतंग सिर्फ खेल नहीं आदि कहानियां प्रेरणाप्रद हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्

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प्रथम प्रयास

प्रथम प्रयास

"प्रथम प्रयास" असम प्रांत की अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की बहनों का "प्रथम साझा काव्य संकलन" है। इस संकलन की रचनाओं में सभी बहनों ने अपने हृदय-उद्गार उड़ेल कर रख दिए हैं।नारी सृष्टि का एक अनमोल उपहार है। समाज का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। स

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"प्रथम प्रयास" असम प्रांत की अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की बहनों का "प्रथम साझा काव्य संकलन" है। इस संकलन की रचनाओं में सभी बहनों ने अपने हृदय-उद्गार उड़ेल कर रख दिए हैं।नारी सृष्टि का एक अनमोल उपहार है। समाज का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। स

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ज्ञानवर्धक कहानियों का संकलन

ज्ञानवर्धक कहानियों का संकलन

प्रेरक प्रसंग या कहानियां जो आपकी ज़िन्दगी बदल सकते। दोस्तों जिंदगी में कुछ पाना हो, करना हो उन सभी के लिए प्रेरक प्रसंग बहुत की उपयोगी सिद्ध होते है। यह हमे मोटीवेट करते है, क्योंकि जब तक हमारे जीवन में कोई प्रेरक प्रसंग नही होगा, तब तक हम आगे बढ़

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पग-पग के साथी

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जब हम इन वाक्यों या वाक्यांशों को बार बार पढ़ते है तो ये अंतरात्मा तक गहरे उतरकर अपनी छाप अवश्य छोड़ते हैं। जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है। इन्सान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं। विचार, काम की शुद्धता और सरलता ही

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डॉ.निशा नंदिनी गुप्ता  की डायरी

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इस डायरी का हर पन्ना पाठक को अपना सा प्रतीत होगा। जीवन के खट्टे मीठे अनुभव इसका हिस्सा है। कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं शीतल छाया है। कहीं नारी की पीड़ा है तो कहीं अबोध बालक की चींख है। कहीं पशु की विवशता है।

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बच्चों को जीने दो

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आज अबोध शिशु शिक्षा के बोझ तले दबे जा रहे हैं। चारों तरफ छोटे-छोटे बच्चे तनावग्रस्त दिखाई दे रहे हैं। माता पिता को अपने बच्चों को समझना जरूरी है। इस पुस्तक में दस अध्याय है। आशा है आप सब इस पुस्तक से अवश्य लाभांवित होंगे।

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कही-बतकही

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"कही-बतकही" कहानी का विचार आमतौर पर कहानीकार के मन में किसी घटना, जानकारी, अनुभव या कल्पना के कारण उत्पन्न होता है। उसके बाद कहानीकार उसे विस्तार देता है जिसका काम कल्पना के आधार पर होता है। कहानीकार की कल्पना कोरी कल्पना नहीं होती उसमें यथार्थ का प

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मनुसाई (काव्य संग्रह)

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"मनुसाई" यह 19वां काव्य संग्रह है। मानव का जन्म लेकर अगर मानवता नहीं है...तो मानव जीवन व्यर्थ है। किसी भी व्यक्ति या वस्तु की पहचान उसके गुणों से होती है..उसी तरह मनुष्यता मनुष्य होने की पहचान है। सुख, समृद्धि एवं शांति से परिपूर्ण जीवन के लिए सच्चरि

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"मनुसाई" यह 19वां काव्य संग्रह है। मानव का जन्म लेकर अगर मानवता नहीं है...तो मानव जीवन व्यर्थ है। किसी भी व्यक्ति या वस्तु की पहचान उसके गुणों से होती है..उसी तरह मनुष्यता मनुष्य होने की पहचान है। सुख, समृद्धि एवं शांति से परिपूर्ण जीवन के लिए सच्चरि

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10 नव कोंपल मचल रही है (डॉ.निशा नंदिनी भारतीय)

24 अगस्त 2022
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मधुमास का मौसम आया  वृक्षों पर किंशुक मुस्काया। नव कोंपल मचल रही हैं  उत्पत्ति को डोल रही हैं।  नव प्रभात की नव सौगात में  नव बयार संग आँखमिचौनी ठेल रही बूढ़े पल्लव को  नव पल्लव की नव वाहिनी।

09 सच्चे साथी (डॉ.निशा नंदिनी भारतीय)

24 अगस्त 2022
1
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 आओ सभी हम वृक्ष लगाये  धरती को फिर स्वर्ग बनाये।  वृक्ष हमारे सच्चे साथी                   क्यों न इनसे हाथ मिलायें। आओ सभी हम वृक्ष लगायें धरती को फिर स्वर्ग बनायें। आती जब मानव पे विपदा  क

10- किस्सा चाबी का ( कविता अग्रवाला)

22 अगस्त 2022
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आज मेरी चाबी कहीं गुम गयी  न जाने कहां खो गयी ? ढूंढा बहुत मैंने उसको  पर मिली नहीं वो कहीं भी मुझको। गद्दे के नीचे अलमारी के पीछे मेज के ऊपर और तकिये के नीचे रसोई के अंदर चूल्हे के बगल में प

11- कल ( पिंकी बजाज)

22 अगस्त 2022
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क्या है कल?  कैसा होगा यह कल?  यह वो नहीं जो आज बीते,  आ जाता है कल, या फिर जो चला गया  वह बन जाता है कल,        उठ सोच विचार करले, यह कैसा होता कल।  सोचो यह कल ऐसा हो जब बेईमानी,भ्रष्टाचार

7.आज मेरी लेखनी में ( पिंकी बजाज)

22 अगस्त 2022
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बरसों बीत गए, बचपन को पीछे छोडे़ सोचती हूँ  आज मेरी लेखनी में  अपना बचपन लिख डालूं मैं। तपती धूप मे रेत का घरौंदा बनाना  बारिश में कागज की कश्ती तैराना खेल कूद करना ऊधम मचाना, माँ की प्यार भ

3- दूर रहो मुझसे ( नीलम चौधरी)

18 अगस्त 2022
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दूर रहो मुझसे मैं कचरा बिनने वाली लड़की हूं। मेरे शरीर से उठती गंध लगती जिसकी सुगंध  मुझे इत्र जैसी, बन गई मेरा सुरक्षा कवच जो अहसास कराती  तुमको की मैं कचरा  बिनने वाली लड़की हूं। मेरे शरीर

6- आतंकवादी और आम इंसान ( निशा काबरा)

12 अगस्त 2022
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आतंकवादी के लिए बम फोड़ना आसान है मगर आम इंसान के लिए बम के गम को भुलाना आसान नहीं। आतंकवादी के लिए घरों को उजाड़ना आसान है मगर आम इंसान के लिए टूटे हुए घरों को जोड़ना आसान नहीं। आतंकवादी के ल

6- रक्षा-बंधन (अनु शर्मा)

10 अगस्त 2022
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अगस्त का महिना सावन की रिमझिम बारिश की फुहार भाई बहन का सुनहरा मौका और खुशीयों का लम्हा  भाई की उम्मीद बहन का प्यार मुबारक हो सभी को ये रक्षा बंधन का त्योहार खुबसूरत और अनमोल जन्म-जन्म का पवित्र सच

5- ये मलाल नहीं मिटता (अनु शर्मा)

10 अगस्त 2022
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ये मलाल नहीं मिटता, क्यों वो ख्याल नहीं मिटता मिट जाते है गुलों-गुलज़ार, फिर क्यों तुम पे ऐतबार नहीं मिटता  हर  सोच में शामिल है  वो इस कदर ज़ालिम,  होश तो मिट जाता है मगर खुमार नहीं मिटता  वो श

6- हे सैनिक भाई तुझे नमन (सरला बजाज)

10 अगस्त 2022
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मेरे देश के सुरक्षा प्रहरीयों आपकी बदौलत हमारे त्योहार सरहद पर खड़े मेरे सैनिक भाई सौ सौ जन्म तुम पर न्योछावर कर जौड़ करते नमन, हे सैनिक भाई तुझे नमन। अक्षत रोली का टीका लगाकर कलाई में राखी स

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