भारतीय दलहन अनुसन्धान संस्थान (आईआईपीआर) के कृषि वै ज्ञान िकों ने दलहनी फसलों की ऐसी प्रजातियां विकसित की हैं जिसमे न रोग लगेगा और न ही पकने में ज्यादा समय। जिससे किसान अब मटर, चना और मसूर की रोगमुक्त फसल पैदा कर सकेंगे। इन नई प्रजातियों के तैयार होने से दलहनी फसलें तीन से चार माह में पाक जाएँगी और रोगमुक्त भी रहेगीं। नई प्रजातियों से इन फसलों का उत्पादन पांच से आठ टन बढ़ाया जा सकता है। मूंग चितकबरा रोग से और मसूर फंगस से मुक्त रहेगी।
विकसित की गई नई प्रजातियां:-
मटर:- आईपीएफडी ०६-०३, आईपीएफडी १०-१२ (१२० अब १०९ दिन में तैयार) एवं आईपीएफडी ११-१५, आईपीएफडी१२-२
मूंग:-आईपीएम २०५, आईपीएम ४१०-३ ( पहले ७० से ८० दिन अब ५२ से ५५ दिन में तैयार)
चना:- आईपीसी २००५-६२ (पहले १३० दिन अब १२० दिन), आईपीसी २००६-७७ आईपीसी २००४-०१ व आईपीसी२००४-९८ (पहले १२० दिन अब ११२ से ११५ दिन में )
मसूर:- आईपीएल ५२६, आईपीए ३१६,
अरहर:- आईपीए २०३