क्या किसी वेबसाइट से विडियो या फ़िल्म ें डाउनलोड करना कानूनी है ?
यह कई चीज़ों पर निर्भर करता है, पायरेट-बे जैसी वेबसाइट पर कुछ फिल्में/सामग्री/रचनाएँ फ्री-लाइसेंस के तहत आती हैं, यानि-की इनको डाउनलोड कर लोगों के साथ बाँटने में मालिक/निर्माता को कोई आपत्ति नहीं है l हालाँकि इन वेबसाइटों पर अधिकतर सामग्री कॉपीराइट के तहत संरक्षित होती है और मालिक या निर्माता की स्वीकृति के बिना यानि-की अनाधिकृत रूप से इन्हें डाउनलोड करना कॉपीराइट का उल्लंघन माना जाता है l आम तौर पर बड़े निर्माताओं द्वारा बनाई गई फ़िल्मों को कॉपीराइट का संरक्षण प्राप्त होता है और इन फिल्मों को डाउनलोड करना गैर- क़ानून ी माना जाता है l यदि आप बाहुबली २ उसी हफ़्ते अपने कंप्यूटर पर देख रहे हैं जिस हफ़्ते वह रिलीज़ हुई है तो यकीन मानिये की आप ऐसा गैर-क़ानूनी तरीके से कर रहे हैं l
क्या गैर-क़ानूनी रूप से फ़िल्म डाउनलोड करने पर मुझे जेल की सज़ा हो सकती है या जुर्माना भरना पड़ सकता है ?
हाँ, यदि अदालत में यह साबित किया जाता है कि आपने जानबूझकर कॉपीराइट का उल्लंघन किया है, या ऐसा करने में किसी की मदद की है तो अदालत यह मानेगी कि आपको उल्लंघन की जानकारी थी क्योंकि ज़्यादातर फिल्मों में वॉटरमार्क/ सूचना के माध्यम से कॉपीराइट होने की जानकारी दी जाती है l यदि आप पहली दफ़ा इस क़ानून के तहत अपराध के दोषी ठहराए गए हैं तो आपको ६ महीने -३ साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है और साथ ही आप पर ५०,००० -२००,००० रूपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है l यह बताना ज़रूरी है कि फिल्में डाउनलोड करने के लिए अभियोजन के कई मामले सामने नहीं आए हैं; आम तौर पर फ़िल्म से जुड़े कॉपीराइट-धारक की कोशिश होती है कि अदालत के आदेश या टेक-डाउन नोटिस के माध्यम से उस URL को ब्लॉक किया जाए l इस क़ानून के तहत सज़ा काटने के बाद यदि आप दोबारा किसी अपराध के लिए दोषी पाए जाते हैं तो ज़्यादा गंभीर सज़ादी जाती है ; एक से अधिक बार अपराध करने पर १-३ साल तक की जेल की सज़ा और साथ ही १००,०००-२००,००० रूपए तक का जुर्माना अदा करने की सज़ा हो सकती है l यदि अदालत को यकीन हो जाता है कि आपने व्यापार िक मुनाफ़े (यानिकी निजी उपयोग के लिए , बजाय बेचने / किराये पर देने के उद्देश्य से ) के लिए क़ानून उल्लंघन नहीं किया था तो कारावास की अवधि कम भी की जा सकती हैl
कॉपीराइट से जुड़े हुए कौनसे क़ानून, भारत में निवास कर रहे व्यक्तियों पर लागू होते हैं ?
कॉपीराइट एक्ट (प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम), 1957 समस्त भारत में लागू होता है और विदेश में बनी हुई फ़िल्मों को भी संरक्षण प्रदान करता है l अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट, 1998 जैसे विदेशी कानून भारत में रहने वाले लोगों को बाध्य नहीं करते हैं, और भारत में रह कर संरक्षित फ़िल्में डाउनलोड करने पर इस क़ानून के तहत क़ानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती l
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