shabd-logo

common.aboutWriter

जिसकी जद में आता है ये जहां सारा, वो गगन हूँ मैं।

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

हिंदी लेखन

हिंदी लेखन

"हिंदी लेखन" महज एक पुस्तक नही ,यह जीवन में राहचलित गतिविधियो और संघर्षो पर लिखी की कुछ रचनाओं का संग्रह है। इस पुस्तक में लिखित अधिकतर कवितायें आपको जीवन के संघर्षो से लड़ने की हिम्मत जुटाने में निश्चित ही सहायक रहेंगी।

4 common.readCount
17 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 42/-

हिंदी लेखन

हिंदी लेखन

"हिंदी लेखन" महज एक पुस्तक नही ,यह जीवन में राहचलित गतिविधियो और संघर्षो पर लिखी की कुछ रचनाओं का संग्रह है। इस पुस्तक में लिखित अधिकतर कवितायें आपको जीवन के संघर्षो से लड़ने की हिम्मत जुटाने में निश्चित ही सहायक रहेंगी।

4 common.readCount
17 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 42/-

common.kelekh

दिलो को जीतना।

11 जनवरी 2022
1
0

बहकता हूँ मैं जब-तब अब, सँभलना सीख लेता हूँ,मैं ज़रा मुस्कुराकर बस ,दिलो❤️ को जीत लेता हूँ।हिन्दी लेखन...🙏

माया-मोह।

11 जनवरी 2022
1
0

" माया-मोह से दूर रहा जो, तन-मन से वो मोक्ष में जाये, दूर खड़ा कपि दुख भी ये सोचे, कि कैसे इससे पार अब पायें, जीवन ये अनंत तक देखो मरकर भी जीता चला जाये,

जज़्बा।

11 जनवरी 2022
1
0

हिसाब अपना तो बड़ा सीधा- सादा है,मैदान में आ अगर जंग का इरादा है,तुझे होगा गुरूर अपने रूतबे पर बेशक़,मेरा जज़्बा तेरे झूठे रुतबे से ज्यादा है।हिंदी लेखन...✍️

काबिलियत की क़ीमत।

11 जनवरी 2022
1
0

बस एक बात जो अब सता रही है कि,काबिलियत की कीमत कम होती जा रही है।कम होता जा रहा है नज़रिया परखने का,देखो हीरे को भी जंग लगे जा रही है,बस एक बात जो सता रही है,काबिलियत की क़ीमत अब कम होती जा रही है,Sense

मंज़िलो की बाते।

11 जनवरी 2022
1
0

मुश्किलों से बेपनाह,तुम बेवज़ह ही डरते हो,मंज़िलो की बातें ,तुम तो रास्तें में करते हो।मंजिलों की चाह रखना है बड़ा आसान सा,मंज़िलो की चाह में क्या घुट-घुटतुम भी मरते हो,मुश्किलों से बेपनाह,तुम बेवज़ह ही डर

संघर्ष।

11 जनवरी 2022
1
0

"संघर्ष करने वालो को या तो जीत मिलेगी या जीत का रास्ता, संघर्ष कभी हारता नही है।"मुश्किलें लाख रोके रास्ता भले तुम्हारा मगरकाम कोई ऐसा नही जो हौसलें कर न सकें,पथ कठिन जरूर होता है कई मर्तबा यहाँ,

बेसहारे को तिनके का सहारा खूब है।

11 जनवरी 2022
1
0

हार में भी जीत है गरयदि प्रयास भरपूर हैं,कि बे-सहारे को भी तब,तिनके का सहारा खूब है,तू ढूंढता है क्यों किनारा,जब जीवन ही मझधार है,तू अकेला है कहाँ सेये हुनर जो तेरे साथ है,छांव है कुछ दबी-दबी सीबेशक़ भ

मेरा मकान अच्छा है।

11 जनवरी 2022
1
0

क्या मंज़िल पाओगें तुम ये सवाल अच्छा है,मुक़ाम पाने का मेहनत सेख़्याल अच्छा है,लाखों के महलों रहते हो तुमपर बैचैन से दिखते हो,मगर मैं चैन से सोता हूँ मैं,तेरे महलो से तोमेरा मकान अच्छा है।हिंदी

गिरा लो मुझको

11 जनवरी 2022
1
0

बेशक़ फिर से गिरा लो मुझको,चलो तुम थोड़ा और सतालो मुझको,मगर मानो मैं बेफिक्र सा रहता हूँ अब,तुम चाहो तो फिर से आजमा लो मुझको।गगन शर्मा...✍️हिंदी लेखन।

मोहब्बत का बन्दा हूँ...

10 जनवरी 2022
1
0

जंग,जिद्द,जुनून सब सीने में धड़कते है यहां,बेहतर होगा कि मुझे तुम इन पर न ज्ञान दो,आमने-सामने की लड़ाई, तुम रहने दो भाई,मैं मोहब्बत का बंदा हूँअच्छा होगा कि,तुम मुझे मोहब्बत से मार दो।गगन शर्मा...✍️हिंद

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए