~*~ग़ज़ल~*~ नरिंदर जोग
कमाल का है सवाल तेरा,जवाब भी तो कमाल होगा।
सुना मुहब्बत मे मैने अक्सर,सवाल पर भी सवाल होगा।
नज़र नज़र से चुरा न अब तू,बता दे मेरा कसूर क्या है,
अगर मुहब्बत गुनाह है तो,मेरा भी मजनू सा हाल होगा।
मुझी से पूछे हयात मेरी,तुही बता दे बचा है क्या अब ,
पता है उस को मैं लूट चुका हूँ,इसी पे सारा बवाल होगा।
है खूबसूरत गुलाब जितना,वो खूबसूरत है उसे ज्यादा,
शयर ग़ज़ल से मिलेगा जिस दिन,शयर वो भी बा कमाल होगा।
जो बात दिल ने कही न अब तक,बता जुबां पे वो कैसे मैं लाऊं,
लिखा है दिल पे जो नाम तेरा,मिटा अंतिम मेरा साल होगा।
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