shabd-logo

घर

9 अक्टूबर 2019

6026 बार देखा गया 6026

लडकिया चिडिया होती हैं, पर पंख नही होते लडकियों के।

मायके भी होते हैं, ससुराल भी होते हैं; पर घर नहीं होते लडकियों के।

माँ-बाप कहते हैं बेटियां तो पराई हैं, ससुराल वाले कहते है कि ये पराये घर से आई हैं।

भगवान! अब तु ही बता- ये बेटियां किस घर के लिए तुने बनाई हैं।

आरती महापात्र की अन्य किताबें

2
रचनाएँ
artikisoch
0.0
कविता, यात्रा, खान-पान, कहानी और मेरी सोच।

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए