यह पुस्तक बांकेबिहारी की प्रेरणा से लिखी गई है, दिनांक 5-10-2019 को में विन्द्रावन बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुचा एक बालक लगभग आठ बर्ष का सामने खड़ा था जो हमारे ऊपर फूलों को फेक रहा था, साथी लोग पूछ रहे थे फूलों को कोंन फैक रहा है, मेने सामने कहा सामने खड़ा बालक फैंक रहा है, इतना कहते ही बालक अद्रश्य हो गया, प्रेरणा से पुस्तक बांकेबिहारी की प्रेरणा लिखी है, जो ऐमाजोन फिलिप काड पर उपलब्ध है, विश्व मेले में 25-2-2023 से उपलब्ध रहगी, लगभग 10 देशों में भी उपलब्ध है, आध्यात्म भक्ति, सनातन धर्म योग आदि बिषय तथा मानवीय व्यवहार से संबंधित मनको प्रभावित करने वाले लेख एवं कबिता दोनों रुप में है,