हर रोज की तरह आज फिर मैं ऑफिस के लिए घर से निकला और बस स्टैंड पर अपनी बस का इंतजार करने लगा| बस आई और मैं एक सीट पे जाके बैठ गया| मैंने देखा कि एक लड़की जिसकी उमर महज 22 साल होगी,उसके चहरे पे प्यारी सी मुस्कान और हाथ में एक प्यारा सा गुलाब था| मै उसके चहरे से अपनी नज़र नहीं हटा पाया| मेरा ऑफिस आ चूका था इसलिए मुझे उतरना पड़ा मै घर आके उसे सोचता रहा| अगले दिन जब मै फ़िर बस में बैठा मुझे वो लड़की फिर दिखी बिल्कुल उसी तरह, चेहरे पे मुस्कान और हाथों में गुलाब लिये | अब तो ऐसा रोज होने लगा मैंने बहुत कोशिश की पर उससे कुछ बोल ना सका | काफ़ी दिन हो गए थे हम लोगो एक साथ बस में जाते हुए मेरा ऑफिस उससे पहले आ जाता था इसलिए मुझे नहीं पता था कि वो कहां जाती है, पर आज वो मेरे पास की सीट पे बैठी थी वही चेहरे पे मुस्कान और हाथो में गुलाब लिए| काफ़ी समय बाद उसने मेरा नाम लिया, उसके मुंह से अपना नाम सुनके मैं चौक सा गया मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वो मुझे कैसे जानती है, उसने बोला आपके पास 25 रुपये है मुझे टिकट लेनी है और मैं पैसे घर पे भूल गई मैंने कहा नहीं मेरे पास भी खुले नहीं है पर 50 का नोट है एक काम करते हैं मैं टिकट ले लेता हूं पैसे तुम मुझे कल दे देना उस लड़की ने कहा धन्यवाद मैं कल जरूर वापस कर दूंगी| टिकट लेने के बाद मेरा ऑफिस आ गया था पर आज मैं बस से नीचे नहीं उतरा मैंने आज सोच लिया था कि मैं सब बोल के ही रहूँगा | मैंने पूछा तुम्हें मेरा नाम कैसे पता उसने कहा इसमें कौन सी बड़ी बात है आपको फोन पर बात करते समय मैंने सुना था| मैने फिर सवाल किया कि तुम रोज कहा जाती हो उसने कहा यहां से थोड़ी दूर एक स्कूल है वही की टीचर हूं मैं| उसने जवाब दिया ही था कि मै फिर एक सवाल कर बैठा कि वो अपने पास हमेशा गुलाब क्यों रखती है उसके बाद जो उसने कहा वो सुनकर तो मेरी हंसी जैसी गायब ही हो गई उसने कहा कि मेरी सगाई हो गई है और ये फूल मैं अपने मंगतेर के याद में रखती हूं फिर मैंने उसको आखिरी बार देखा और अगले बस स्टैंड पर उतर गया...
Pradeep Singh