shabd-logo

गुरु बन्दना

27 जनवरी 2015

1055 बार देखा गया 1055
"गुरू ब्रह्मा, गुरू विष्णु, गुरू देवो महेश्वरा गुरू साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरूवे नम:" अर्थात - गुरू ही संसार के रचयिता हैं, गुरू ही इसके पालनहार हैं और सभी के रक्षक भी गुरू ही हैं। देवताओं में परमब्रह्म ऎसे गुरू को नमस्कार है।
1

विस्वाश

27 जनवरी 2015
0
2
1

एक बेटी ने जिद पकड़ ली - पापा मुझे साइकिल चाहिये..! पापा ने कहा - अगले महीने दिवाली पर जरुर साईकल लाउंगा..! प्रॉमिस..!! एक महीने बाद - पापा..! मुझे साइकिल चाहिये आपने प्रॉमिस किया था..! वह चुप रहा..! शाम को दफ्तर से लौटा बेटी तितली की तरह खुश हुई..! वेटी - थॅंक्स पापा , मेरी साइकिल के लिये..! अग

2

गुरु बन्दना

27 जनवरी 2015
0
1
0

"गुरू ब्रह्मा, गुरू विष्णु, गुरू देवो महेश्वरा गुरू साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरूवे नम:" अर्थात - गुरू ही संसार के रचयिता हैं, गुरू ही इसके पालनहार हैं और सभी के रक्षक भी गुरू ही हैं। देवताओं में परमब्रह्म ऎसे गुरू को नमस्कार है।

3

ओवर कॉन्फिडेंस

27 जनवरी 2015
0
1
0

नई शादी के बाद पति और पत्नी जब घर आये तो उन्हे एक लिफाफा मिला खोल कर देखा तो सिनेमा के दो टिकट । लेकिन भेजने वाले का नाम नही लिखा था । पति बोला यह जरूर मेरे किसी दोस्त ने भेजा होगा l पत्नी बोली ना जी मेरी सहेली ने भेजी होगी । पति .:खैर छोडो किसी ने भेजा हो हमे क्या ? फिल्म का वक्त हो गया है, हमे जल्

4

राशि ज्ञान

28 जनवरी 2015
0
0
0

ग्रहों से शुभ फल प्राप्त करने के लिए संबंधित ग्रह का रत्न पहनना एक उपाय है। असली रत्न काफी मूल्यवान होते हैं जो कि आम लोगों की पहुंच से दूर होते हैं। इसी वजह से कई लोग रत्न पहनना तो चाहते हैं, लेकिन धन अभाव में इन्हें धारण नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष के अनुसार रत्नों से प्राप्त होने वाला शुभ प्रभाव अ

---

किताब पढ़िए