हाथी दादा मुझे बताओ
तुमने शैतानी की थी क्या
सूँड़ बनी है कैसे बोलो
अपनी नाक के राज़ तुम खोलो
पंखे जैसे कान तुम्हारे
इतने बड़े हुए हैं कैसे
होमवर्क ना करने पर
टीचर ने खींचे हों जैसे
पूंछ तुम्हारी इतनी छोटी
और तुम इतने मोटे से
कुछ भी तला भुना बाहर का
जंक फ़ूड खाते थे क्या
हाथी दादा तुम्हीं बताओ
तुमने शैतानी की थी क्या