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हसरतें

18 अक्टूबर 2016

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न मर जाएँ धड़कती हसरतें ,

ज़माने की परखती निगाहों से,

नुमाइश हसरतों की अक्सर,

बिखरती खुली हवाओं से ,

सुलगने दे तू इनको,

धीरे धीरे दिल के कोनों में

किसी दिन शायद शोला बन,

रोशनी कर जाएँ ज़माने में...


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रचनाएँ
snehadev
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हिंदी मेरी मातृभाषा है और मेरी प्रिय भी है, पर मुझे अंग्रेजी से भी बहुत लगाव है. दोनों भाषाओं को यदि पढ़ने के हिसाब से तुलना करूँ , तब हिंदी पढ़ने लिखने में काफी कठिन मान जाएगी. यूँ तो अंग्रेजी का साहित्य पढ़ने समझने के लिए भी शायद कई बार डिक्शनरी उठानी पड़ जाये. बहरहाल, मुझे कविताएं लिखने का शौक है और ज्यादातर वो भावनात्मक है. शायद इसीलिए वो मैं हिंदी में लिखना पसंद करती हूँ. मैंने छोटी कहानियाँ भी लिखी है और कुछ लेख भी है पर वह सब मैंने अंग्रेजी भाषा में लिखी है. ये सब मेरी अपनी वेबसाइट dailydozeoflife.com पर उपलब्ध है. यदि इच्छा हो तो ज़रूर चेक कीजिये. धन्यवाद I am learning everyday :)

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