ख़ुशगुमानी
यूँ आरज़ू को हवा दी मैंने ,
की उड़ा ले चली है मेरी रूह को ऐसे,
की आता नहीं सुकूँ जमी पर मुझे,
और क़दम ठहरते नहीं बादलों पर मेरे..
ऐ खुदा, हसरतों को देकर रवानी थोड़ी,
मेरी हस्ती को कोई तो कहानी दे दे...
कुछ तो होगा तेरे ज़हन में मेरा नक़्श,
राह दिखा कुछ, ज़िंदगी में ज़िंदगानी दे दे ..
यूँ तो तेरी शुक्रगुज़ारी की वजह हैं बहुत,
कुछ ख़ास वजह होने की ख़ुशगुमानी दे दे..
by- Sneha Dev
26/5/16