shabd-logo

ईश्वर की माया

23 मई 2016

134 बार देखा गया 134

तेरी इस दुनिया में ये मंजर क्यूँ हैं 

कहीं ज़ख़म तो कहीं खंजर क्यूँ हैं 

सुना है की तू हर जर्रे में रेहता है

तो फिर जमीन पर कहीं मस्जिद कहीं मंदिर क्यूँ हैं 

जब रहने वाले  इस दुनिया के तेरे ही बंदे हैं

तो फिर कोई किसी का दोस्त और कोई किसी का दुश्मन क्यूँ हैं 

तू ही लिखता है सब लोगों का मुकद्दर 

तू ही लिखता है सब लोगों का मुकद्दर 

तो फिर कोई बदनसीब और कोई मुकद्दर का सिकंदर क्यूँ है 

समीर ग्वासीकोटी की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए