जबरी पहुना भइल जिनगी
कब दरक गइल जियरा उधियाइल भिनुसहरा अब टोवत बेवाई सभे अहमक़ कहाई । साटल पेवना भइल जिनगी ॥ घाव बाटे जियतारटकटोरत बार बार उहाँ उजार खोरियादेखीं जवने ओरिया काँच खेलवना भइल जिनगी ॥ बड़की बिटिया सयान सभे उझिलत गियानदाना ला मोहताजकइसे चली राज काजओद लगवना भइल जिनगी ॥ माँग बहोरि आंखि