किसी ओर को न्याय दिलाने की चक्कर मे खुद को ही गमा बैठी ... ओ किसी ओर के इन्सफ के खातिर खुद का विश्वास खोने वाली....
ओर पुरुष के घिनोने पुरुषार्थ पे आवाज उठाणे वाली .....एक एैसी दर्द भरी कहाणी जो ना कभी आपने सूनी होगी ओर नाहीं कभी कहीं पढी होगी.....
अगर आप सच मे मुझे सुनना चाहते हैं ! तो cmt करके बता दिजिये में आगे लिखुंगी