करवा चौथ,
आज बीतें बरस,
पिया!
तेरे इंतजार में।
मन पुलकित,
पल छिन,
देखुंगा आज तुम्हें,
चांद के रूप में!
संजी-संवरी,
पिया!
सोलह श्रृंगार किया,
रहूंगी तेरे लिये आज मै,
निर्जला, उपवास मैं,
तेरे लिये!
है कामना कि रहे दीर्घायु,
रहे हमेशा तेरा साथ,
जन्मों-जन्म,
यही आशा कर रही।
सूर्य प्रकाश उपाध्याय