कश्मीरी पंडित
दशकों से वो पुकारते रहे वो अपनी लाज के लिए,
और तुम नकारते रहे उन्हें, वोट राज के लिए ।
आज जब किसी ने उनको, उनका हक दे दिया,
तुम रोना रोते हो ,सिर्फ टमाटर और प्याज के लिए ।।
- हरिराम धीमान
1 नवम्बर 2021
कश्मीरी पंडित
दशकों से वो पुकारते रहे वो अपनी लाज के लिए,
और तुम नकारते रहे उन्हें, वोट राज के लिए ।
आज जब किसी ने उनको, उनका हक दे दिया,
तुम रोना रोते हो ,सिर्फ टमाटर और प्याज के लिए ।।
- हरिराम धीमान
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पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। कविताएं कभी कभी लिखता हूं। समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित हुई है।D