हाँ, किस्मत ने दिया तो बहोत कुछ है!
मगर खुद क्या किया ज़िंदगी मैं सोचा है कभी?!
अभी भी समय है खुद को थोड़ा,
टटोल कर देख कभी ! क्या सच में
चाहता क्या है ये उसे भी पूछ उसे
समझ कभी! दिल को तेरे
सुकून है भी की नहीं?
खुद कुछ कर उसपे नाज
कर पाए ऐसा कर्म कोई कर तो सही!
दूसरों की सोच को छोड़ अपनी
सोच की धार को तेज कर तू देख तो सही!
अभी तो ज़िंदगी शुरू हुई तेरी खुद पर
थोड़ा यकीन तो कर मेरी सखी। 🌻
आसानी से जो मिल जाता है जहां मैं
ऐसा कभी कोई रस्ता बना नहीं!
हार मानने से पहले एक कोशिश
आखिरी कर तो सही!
भय जो मनमें तेरे घर कर बैठा है
उनसे एक बार लड तो सही...!
अभी भी न समय बीता है मेरी जान,
एक कोशिश खुद कुछ करने की कर तो सही...!
मगर खुद क्या किया ज़िंदगी मैं सोचा है कभी?!
अभी भी समय है खुद को थोड़ा,
टटोल कर देख कभी ! क्या सच में
चाहता क्या है ये उसे भी पूछ उसे
समझ कभी! दिल को तेरे
सुकून है भी की नहीं?
खुद कुछ कर उसपे नाज
कर पाए ऐसा कर्म कोई कर तो सही!
दूसरों की सोच को छोड़ अपनी
सोच की धार को तेज कर तू देख तो सही!
अभी तो ज़िंदगी शुरू हुई तेरी खुद पर
थोड़ा यकीन तो कर मेरी सखी। 🌻
आसानी से जो मिल जाता है जहां मैं
ऐसा कभी कोई रस्ता बना नहीं!
हार मानने से पहले एक कोशिश
आखिरी कर तो सही!
भय जो मनमें तेरे घर कर बैठा है
उनसे एक बार लड तो सही...!
अभी भी न समय बीता है मेरी जान,
एक कोशिश खुद कुछ करने की कर तो सही...!
🌻🌻 🌻 🌻 🌻 🌻 🌻 🌻 🌻 🌻 🌻