"चूडियों सी ही तो खनकती है.....
घुँघरूओ की तरह वो रनकार करती है
पैरों मैं पहन पायल
घर अंगना का शृंगार करती है!!
घर के सारे काम करती है,
बड़ो का सन्मान और छोटे बच्चों से प्यार करती है...।
टूट कर बिखर जाती अक्सर लेकिन,
अपने आंसूओ का न सभी के सामने इज़हार करती है!!
कुछ बहोत नादां होती है लडकिया जो,
अपना कम मगर दूसरों का
कुछ ज़्यादा ही ध्यान रखती है।
परियों सी शख्सियत के साथ-साथ
तलवार की तीखी धार सी होती है।
सन्मान हर एक का करती है।
मगर,आत्म-सम्मान पर आए तो अपना बचाव भी करती है। झुकती नहीं ना ही किसी को ,
अपने पैरों मैं झुकाती है।
अपनी गलतियों की माफी मांग दूसरों की
भूलो को माफ़ करती जाती है!
मगर दुबारा भरोसा करने की गलती
नहीं हर बार कहां करती है!!?
बहोत ही नायाब होती है
ऐसी लडकिया जो सूरत से ही नहीं
सीरत से अपना किरदार निखारती है। "😍 🌻