देखो भैया! हमार चौकिया न टूटे
गाँव मे रामलीला हो रही थीसीता स्वयंवर में राम जी के धनुष तोड़ने पर परशुराम जी का आगमन हुआ।परशुराम जी क्रोधित होकर अपने पैर को चौकी से बने स्टेज पर पटकने लगे और चिल्लाने लगे"किसने तोड़ा धनुष, किसने तोड़ा धनुष "तभी दर्शकों में से आवाज आई-अरे बेटा परशुराम धनुषवा चाहे कोई तोड़े, हमार चौकीया टूटल न तो तो