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kumkum singh के बारे में

परिचय जन्म - कानपुर , उत्तर प्रदेश का । शिक्षा - स्नातक फिर बी़एड । देश - विदेश के कई शहरों मे रहने का संयोग प्राप्त हुआ और बहुत से लोगों से मिलना हुआ । मुझे ये समझ मे आ गया कि हर इन्सान कोई ना कोई विशेषता लिये हुए होता है और इसी विशेषता का जामा पहन कर जीवन रूपी नाटक मे अपना पार्ट बजाता है । संयोग से कुछ ऐसे नाटक भी हुए , जिन्होने मुझे लिखने के लिये प्रेरित किया । और आज वही सब नाटक , आपके सामने है ।

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kumkum singh की पुस्तकें

चोरी के जेवर

चोरी के जेवर

वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जे

11 पाठक
9 रचनाएँ
3 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 40/-

प्रिंट बुक:

176/-

चोरी के जेवर

चोरी के जेवर

वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जे

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kumkum singh के लेख

समर्पण

30 जून 2022
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मेरा यह कहानी संग्रह , कहानियों के उन सभी जीते जागते पात्रों को ( क्षमा याचना के साथ ) समर्पित है जो मेरे जीवन मे आये और अपने व्यक्तित्व तथा कारनामों से जाने अनजाने मे मुझे लिखने की प्रेरणा दे गये ।

एक हीरो दो हिरोइन

28 जून 2022
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"अरे और लो ना तुमने तो । अभी कुछ खाया ही नही " यह कह कर मुकर्जी गिन्नी ने डाक्टर दीपांकर की प्लेट मे थोड़ा और माछेर झोल डाल दिया ।  "नही नही मेरे पेट मे अब बिलकुल भी जगह नही है " यह कह कर दीपांकर ने

पान , सिन्दूर और चावल

28 जून 2022
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प्रोफेसर मोहन के घर महफिल जमी थी । १५-२० लेखक कवि और पत्रकार लोग पधारे थे । मोहन ने अपनी ओर से पार्टी दी थी । एक मशहूर पत्रिका मे उनका लेख जो छपा था , और उनके एक मित्र की लिखी बहुचर्चित पुस्तक बाजार म

फूलपुर की हसीना

28 जून 2022
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“ मम्मी जल्दी से यहाँ आओ “ टीना ने जैसे ही अपना चेहरा दर्पण मे देखा तो , घबरा कर एक चीख मार कर अपनी माँ को पास बुलाया । अपनी बेटी टीना की ऐसी घबराई हुई आवाज सुन कर माँ लिली तो एकदम डर ही गई और जल्दी

नोटबन्दी

28 जून 2022
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“ हेलो ! पामेला ! मै रीना बोल रही हूँ “ “ गुडमार्निंग रीना ! कैसी हो ? कहो कैसे याद किया ?” “ जी मै अच्छी हूँ । आपको  याद दिलाने के लिए फोन किया है कि बुधवार को किटी पार्टी है । समय - दोपहर के तीन ब

स्काईलैब और चुन्नीलाल का परिवार

28 जून 2022
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“अरे पढ़ लो,  पढ़ लो, परीक्षा सिर पर है । तुम दोनो अभी तक खेले ही जा कहे हो । इतनी शाम हो गई और तुम दोनो ने किताब तक ना खोली । मै कहता हूँ कि जिन्दगी मे बस पढ़ाई ही काम आने वाली है ये फालतू की उछल कूद

बकरीबाई

28 जून 2022
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उसका असली नाम पता नही क्या था । पर उस इलाके के लोग उसे बकरी बाई के नाम से जानते थे । वो इसलिये कि वो सालों से बकरियाँ चराने  का काम करती थी ।उसे अपने इस अजीब से नाम से कोई शिकायत नही थी ।वो इस नाम की

अमेरिकन बुआ

28 जून 2022
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सुनो दिल्ली से फूफाजी का फोन आया था , वे और मुनिया बुआ दोनो अगले हफ्ते यहाँ आ रहे हैं ।उन्हे कोई काम है और वे लोग हमारे घर तीन दिन तक रूकेगे " विकास ने अपनी पत्नी गीता को यह खबर सुनाई " दिल्ली वाले बु

चोरी के जेवर

28 जून 2022
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अरे आ गई हमारी बिट्टो ! शादी वाले ,हमारे इस घर मे असली रौनक अब आई है जब घर की बिटिया अपने घरवाले के साथ विराजी है ! , बड़ी बहू जरा जल्दी से आरती की थाली लाकर कुँवर साहब की और बिटिया की आरती तो उतारो  

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