kumkum singh
परिचय जन्म - कानपुर , उत्तर प्रदेश का । शिक्षा - स्नातक फिर बी़एड । देश - विदेश के कई शहरों मे रहने का संयोग प्राप्त हुआ और बहुत से लोगों से मिलना हुआ । मुझे ये समझ मे आ गया कि हर इन्सान कोई ना कोई विशेषता लिये हुए होता है और इसी विशेषता का जामा पहन कर जीवन रूपी नाटक मे अपना पार्ट बजाता है । संयोग से कुछ ऐसे नाटक भी हुए , जिन्होने मुझे लिखने के लिये प्रेरित किया । और आज वही सब नाटक , आपके सामने है ।
चोरी के जेवर
वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जे
चोरी के जेवर
वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जे