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बकरीबाई

28 जून 2022

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Dr. Pradeep Tripathi

Dr. Pradeep Tripathi

बहुत अच्छी कहानी।

28 जून 2022

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रचनाएँ
चोरी के जेवर
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वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जेवर ? और क्यों हुई चोरी ? मामला इतना रुचिकर था कि मुझे लिखना ही पड़ा । एक मिसमैच ‘ शर्तिया शादी ‘ ने ऐसी समस्या पैदा कर दी कि जिसका हल शायद पाठकों के पास हो । सुन्दरता और धन से सब कुछ हासिल करने वालों को भी ऐसा दिन देखना पड़ा ! ये आपको ‘ फूलपुर की हसीना ‘ बतायेगी । ‘ स्काईलैब ‘ के गिरने की आशंका से उपजे निश्चित मौत के डर ने इन्सान को इतना निडर बना दिया कि बस पूछो ही मत । ‘ पान सिन्दूर , चावल ‘ का वो रहस्य क्या था ? कौन ऐसा कर रहा था और आखिर क्यों ?जानने के लिए आपको पढ़ना ही पड़ेगा । हमारा भारतीय समाज भी ऐसा रंगबिरंगा है कि जहाँ एक ओर स्नॉबिश , माडर्न ‘ अमेरिकन बुआ ‘ हमको हंसाती हैं , वहीं ‘ सातवीं फेल ‘ बालक हमे रुलाता है । आखिर ‘ एक हीरो दो हिरोइन ‘ का वो हैन्डसम , काबिल डाक्टर शहर छोड़ कर कहाँ भागा ? और उसके भागने की वजह ? और फिर उसके बाद ? हाँ , सब कुछ ऐसा ही तो हुआ था जैसा मैने लिखा है ।
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समर्पण

30 जून 2022
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मेरा यह कहानी संग्रह , कहानियों के उन सभी जीते जागते पात्रों को ( क्षमा याचना के साथ ) समर्पित है जो मेरे जीवन मे आये और अपने व्यक्तित्व तथा कारनामों से जाने अनजाने मे मुझे लिखने की प्रेरणा दे गये ।

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चोरी के जेवर

28 जून 2022
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अरे आ गई हमारी बिट्टो ! शादी वाले ,हमारे इस घर मे असली रौनक अब आई है जब घर की बिटिया अपने घरवाले के साथ विराजी है ! , बड़ी बहू जरा जल्दी से आरती की थाली लाकर कुँवर साहब की और बिटिया की आरती तो उतारो  

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अमेरिकन बुआ

28 जून 2022
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सुनो दिल्ली से फूफाजी का फोन आया था , वे और मुनिया बुआ दोनो अगले हफ्ते यहाँ आ रहे हैं ।उन्हे कोई काम है और वे लोग हमारे घर तीन दिन तक रूकेगे " विकास ने अपनी पत्नी गीता को यह खबर सुनाई " दिल्ली वाले बु

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बकरीबाई

28 जून 2022
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उसका असली नाम पता नही क्या था । पर उस इलाके के लोग उसे बकरी बाई के नाम से जानते थे । वो इसलिये कि वो सालों से बकरियाँ चराने  का काम करती थी ।उसे अपने इस अजीब से नाम से कोई शिकायत नही थी ।वो इस नाम की

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स्काईलैब और चुन्नीलाल का परिवार

28 जून 2022
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“अरे पढ़ लो,  पढ़ लो, परीक्षा सिर पर है । तुम दोनो अभी तक खेले ही जा कहे हो । इतनी शाम हो गई और तुम दोनो ने किताब तक ना खोली । मै कहता हूँ कि जिन्दगी मे बस पढ़ाई ही काम आने वाली है ये फालतू की उछल कूद

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नोटबन्दी

28 जून 2022
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“ हेलो ! पामेला ! मै रीना बोल रही हूँ “ “ गुडमार्निंग रीना ! कैसी हो ? कहो कैसे याद किया ?” “ जी मै अच्छी हूँ । आपको  याद दिलाने के लिए फोन किया है कि बुधवार को किटी पार्टी है । समय - दोपहर के तीन ब

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फूलपुर की हसीना

28 जून 2022
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“ मम्मी जल्दी से यहाँ आओ “ टीना ने जैसे ही अपना चेहरा दर्पण मे देखा तो , घबरा कर एक चीख मार कर अपनी माँ को पास बुलाया । अपनी बेटी टीना की ऐसी घबराई हुई आवाज सुन कर माँ लिली तो एकदम डर ही गई और जल्दी

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पान , सिन्दूर और चावल

28 जून 2022
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प्रोफेसर मोहन के घर महफिल जमी थी । १५-२० लेखक कवि और पत्रकार लोग पधारे थे । मोहन ने अपनी ओर से पार्टी दी थी । एक मशहूर पत्रिका मे उनका लेख जो छपा था , और उनके एक मित्र की लिखी बहुचर्चित पुस्तक बाजार म

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एक हीरो दो हिरोइन

28 जून 2022
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"अरे और लो ना तुमने तो । अभी कुछ खाया ही नही " यह कह कर मुकर्जी गिन्नी ने डाक्टर दीपांकर की प्लेट मे थोड़ा और माछेर झोल डाल दिया ।  "नही नही मेरे पेट मे अब बिलकुल भी जगह नही है " यह कह कर दीपांकर ने

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