मौत के बाद क्या? यह जानने के लिए आप उत्सुक जरूर होंगे कि क्या मौत के बाद जिंदगी पूरी तरह खत्म हो जाती है या मौत के बाद नई जिंदगी की शुरुआत होती है ऐसे बहुत से प्रश्न अभी आपके मन में होंगे इस पुस्तक में मैं आपको हर एक चीज जो आपको जानना जरूरी है वह मैं आपको बताऊंगा और जब आप यह जान लेंगे कि मौत के बाद आखिर क्या होने वाला है तो यकिन मानिए आपकी अभी की जिंदगी में इसके सकारात्मक परिवर्तन देखने जरूर मिलेगा क्योंकि यह जानने के बाद आप जिंदगी को किसी अच्छे मकसद के लिए जीने लग जाओगे।
इस पुस्तक में हम मौत के बाद क्या होता है यह जानने से पहले कुछ ऐसे प्रश्न जो सभी के मन में आते हैं उनके बारे में आपको सत्य बताना बहुत जरूरी है । जब हम इस धरती पर जन्म लेते है तो हमें यह शरीर मिलता है हम कहते हैं कि मेरा हाथ मेरा पैर मेरा शरीर लेकिन हमने कभी यह नहीं कहा मैं हाथ, मैं शरीर अब सवाल आता है यह शरीर हम नहीं है तो यह शरीर किसका है? आखिर वह "मैं" कौन है? जन्म लेने के बाद माता पिता द्वारा इस शरीर का एक नाम रख दिया जाता है तब से दुनिया उसे नाम से उसे पुकारती है।
वह सत्य जिसे गीता में भी बताया गया है कि हम सभी एक आत्मा है यही सत्य है । इस सत्य को जानते के बाद भी हम खुद को शरीर समझ कर जीवन जीते हैं जिसके कारण हमारे जीवन में हम दुःख का अनुभव करते है । सत्य को जानते हुए भी इसे भूल जाना ही दुःख का कारण है इस दुनिया में सभी चीजें परिवर्तनशील है, नश्वर है । एक आत्मा ही है जो अनश्वर ( जो कभी नष्ट न हो) है । आत्मा अजर, अमर अविनाशी है।
हम सभी एक आत्मा है। विज्ञान ने इस सत्य को जानते के लिए कई प्रयोग किए है लेकिन अभी भी कुछ लोग इस सत्य को स्वीकार करते हैं । विज्ञान की खोज जहां समाप्त होती है वहीं से अध्यात्म की शुरुआत होती है । वैज्ञानिकों ने यह जानने के लिए कि क्या आत्मा जैसे कोई ऊर्जा इस शरीर में होती है इसके लिए उन्होंने ऐसे व्यक्ति जिसकी मौत नजदीक है उनका मौत से पहले और मौत के बाद वजन को ऐसे उपकरण की सहायता से जाना गया तो 13 ग्राम का अंतर पाया गया। आत्मा का वजन लगभग 13 ग्राम होता है । आत्मा बहुत सुक्ष्म होती है जिसे स्थूल आंखों से देख पाना संभव नहीं है।
इस शरीर को चलाने वाली हम सभी एक आत्मा है। जी हां आप यह शरीर नहीं इस शरीर को चलाने वाली आत्मा हो । जैसे आप अगर कार चलाते हो तो क्या आप खुद को कार समझते हो ? या कार को चलाने वाली कार का मालिक ? काल और कार को चलाने वाला दोनों अलग है वैसे ही आत्मा और यह शरीर है । जब तक आत्मा शरीर में रहती हैं यह शरीर जीवित रहता है आत्मा के शरीर छोड़ने के बाद यह शरीर कोई काम का नहीं ।
आज इस भाग में इतना ही आपको यह लेख कैसा लगा नीचे कमेंट में लिखकर जरूर बताएं जिससे मैं इसके आगे के भाग जल्द लेकर आऊं और मुझे प्रोत्साहन मिलेगा ऐसे लेख लिखने के लिए ।
अभी इस विषय में बहुत कुछ बताना है अगर आपको भी जानना है तो आप मुझे फॉलो जरूर कर लें ताकि आपको मेरे नये लेख की जानकारी मिलती रहें