मेरा प्यार
जैसे आसमान में पोल स्टार
कुछ वैसा था मेरा प्यार
पोल स्टार इसलिए
भटके हुए को सही राह दिखाए
आसमान को आखिर तक चमकाए
इसलिए वो ध्रुव तारा कहलाए
बस कुछ वैसा ही था मेरा बचपन का प्यार
बस गलती यही रह गई
उससे दिल की बात कह न पाया
उसके दिल में रह न पाया
शायद इसीलिए उसे अपनी रानी बना न पाया
जन्मे एक दिन
आदतें भी डिट्टो सेम
वो भी कुछ तलक हिचकिचाती थी
बस इन्ही आदतों की वजह से मुझको भाती थी
पर कुदरत को यह भी न था मंज़ूर
किस तरह आपको बतलाऊं
कुछ भी समझ में न आ रहा हुज़ूर
पर उससे दूर रहना भी मुझको न मंजूर