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भारती के बारे में

14 मार्च 1981 को जिला- ग्वालियर (म.प्र.) में जन्म। शिक्षा : स्नातक प्रकाशित पुस्तकें : काव्य भारती, सतरंगी कहानियाँ, मन मंथन, नई भोर।

पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-09
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-12
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-31
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-04-30
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-04-23
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-04-17
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-04-01
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-03-02

भारती की पुस्तकें

काव्य भारती

काव्य भारती

जज़्बात को कागज पर उकेरा है। अंधेरी रात के बाद आया नया सवेरा है।। काव्य भारती कविताओं का संग्रह है, जिनमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है। कई मुद्दे जैसे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना

197 पाठक
51 रचनाएँ
5 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 40/-

प्रिंट बुक:

180/-

काव्य भारती

काव्य भारती

जज़्बात को कागज पर उकेरा है। अंधेरी रात के बाद आया नया सवेरा है।। काव्य भारती कविताओं का संग्रह है, जिनमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है। कई मुद्दे जैसे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना

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मन मंथन

मन मंथन

इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर कविताएँ लिखीं हैं। कुछ प्रेरक प्रसंग है। कुछ शिक्षाप्रद कविताएँ हैं। * * * * काव्य के अंकुर को, शब्दों से सींचना है। कलम की धार से, किस्मत की लकीर खींचना है। होना है कामयाब, लेखन के

123 पाठक
50 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

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₹ 40/-

प्रिंट बुक:

177/-

मन मंथन

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इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर कविताएँ लिखीं हैं। कुछ प्रेरक प्रसंग है। कुछ शिक्षाप्रद कविताएँ हैं। * * * * काव्य के अंकुर को, शब्दों से सींचना है। कलम की धार से, किस्मत की लकीर खींचना है। होना है कामयाब, लेखन के

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नई भोर

नई भोर

यह पुस्तक काव्य संग्रह है।

116 पाठक
50 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

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₹ 33/-

प्रिंट बुक:

163/-

नई भोर

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यह पुस्तक काव्य संग्रह है।

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कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी...

कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी...

इश्क, मोहब्बत, प्यार, लव, प्रेम, चाहत और न जाने कितने ही नाम हैं इस एहसास के... एहसास वो जिसका बखान करने वाले शायर बन गए... एहसास वो जिसे महसूस करके कई आशिक दीवाने बन गए... इसी एहसास की लहरों में हिचकोले लगाती हुई ख्वाहिशों की है य

109 पाठक
12 रचनाएँ
12 लोगों ने खरीदा

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₹ 53/-

प्रिंट बुक:

167/-

कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी...

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इश्क, मोहब्बत, प्यार, लव, प्रेम, चाहत और न जाने कितने ही नाम हैं इस एहसास के... एहसास वो जिसका बखान करने वाले शायर बन गए... एहसास वो जिसे महसूस करके कई आशिक दीवाने बन गए... इसी एहसास की लहरों में हिचकोले लगाती हुई ख्वाहिशों की है य

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सतरंगी कहानियाँ

सतरंगी कहानियाँ

सतरंगी कहानियाँ हमारे आस-पास रोजमर्रा की जिंदगी में घटित होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं का संग्रह है। जिनमें जीवन के कई रंगों की झलकियाॅं मिलेंगी। एक बुजुर्ग की घिनौनीं हरकत से सहमी हुई छोटी बच्ची मीनू की कहानी है "ट्रेन वाले अंकल"। "शातिर चोरनी" और "सि

79 पाठक
15 रचनाएँ
11 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 42/-

प्रिंट बुक:

145/-

सतरंगी कहानियाँ

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सतरंगी कहानियाँ हमारे आस-पास रोजमर्रा की जिंदगी में घटित होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं का संग्रह है। जिनमें जीवन के कई रंगों की झलकियाॅं मिलेंगी। एक बुजुर्ग की घिनौनीं हरकत से सहमी हुई छोटी बच्ची मीनू की कहानी है "ट्रेन वाले अंकल"। "शातिर चोरनी" और "सि

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सुनो न! दैनन्दिनी☺️

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सुनो न! दैनन्दिनी, कुछ कहना है .....

51 पाठक
25 रचनाएँ

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सुनों न! दैनन्दिनी (जून)

सुनों न! दैनन्दिनी (जून)

सुनों न! दैनन्दिनी कुछ कहना है....

45 पाठक
15 रचनाएँ

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सुनों न! दैनन्दिनी (जून)

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सुनों न! दैनन्दिनी कुछ कहना है....

45 पाठक
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धरोहर (किस्सा संग्रह)

धरोहर (किस्सा संग्रह)

धरोहर एक किस्सा संग्रह है। पहले गांव में लाइट नहीं होती थी तो ढ़लते सूरज की छांव में ही भोजन कर लिया जाता था और अंधेरा होते होते सब सोने की तैयारी करने लगते थे तब शुरू होता था किस्सों का सिलसिला। उस समय यही मनोरंजन का साधन हुआ करते थे। किस्सों में उन

33 पाठक
6 रचनाएँ
3 लोगों ने खरीदा

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₹ 40/-

धरोहर (किस्सा संग्रह)

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झरोखा यादों का

झरोखा यादों का

इस पुस्तक में मेंने अपने जीवन के कुछ खट्टे कुछ मीठे यादों के पल संजोये हैं ......

31 पाठक
10 रचनाएँ

निःशुल्क

झरोखा यादों का

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इस पुस्तक में मेंने अपने जीवन के कुछ खट्टे कुछ मीठे यादों के पल संजोये हैं ......

31 पाठक
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यादों की डायरी

यादों की डायरी

इस पुस्तक में मेने अपनी पुरानी डायरी के कुछ पन्ने साँझा किए हैं। इसमें मेने अपने मां बनने के सुखद अहसास को और अपनी बेटी के बचपन को शब्दों में सजा कर व्यक्त किया है।

22 पाठक
11 रचनाएँ

निःशुल्क

यादों की डायरी

यादों की डायरी

इस पुस्तक में मेने अपनी पुरानी डायरी के कुछ पन्ने साँझा किए हैं। इसमें मेने अपने मां बनने के सुखद अहसास को और अपनी बेटी के बचपन को शब्दों में सजा कर व्यक्त किया है।

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भारती के लेख

परछाई हूॅं

19 नवम्बर 2022
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इग्नोर ही तो किया है तुमने हमेशा मुझे कभी परिवार के लिए कभी दोस्त यार के लिए मैं तो बस परछाई हूॅं जिसे तुम वक्त के अनुसार तवज्जो देते हो कभी आगे आगे चलाते हो कभ

मैं ही थामें रही

19 नवम्बर 2022
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मैंने एक दिन एक प्रैक्टिकल किया मोबाइल के कांटेक्ट लिस्ट को डिलीट कर दिया सोचा जिस रिश्ते के लिए होंगी मैं खास वो मुझे याद करेगा दिन, हफ्ते, महीने में कभी तो बा

जिंदगी

18 नवम्बर 2022
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नवंबर की सर्दी

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जीवन में सबसे ज्यादा पछताने वाला समय

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समय निकल जाता है और पीछे से सिर्फ पछतावा रह जाता है। जिंदगी हमें कई मौके देती है। कभी हम उसका फायदा उठा पाते हैं तो कभी चूक जाते हैं। ऐसी ही चूक हुई जीवन में जिसका मैं जिक्र कर रही हूॅं। &

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29 सितम्बर 2022
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28 सितम्बर 2022
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25 सितम्बर 2022
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रात को वैधर्वी खिड़की के पास बैठी गहरी सोच में डूबी हुई थी। "पता नहीं हितेश मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे...? कितनी पागल हूॅं मैं... लेकिन क्या करूॅं... जब से उनको द

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सुबह हितेश ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था। तभी मैसेज की ट्यून बजी। हितेश ने देखा वैधर्वी का मैसेज...? &nbsp

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