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आजादी का जश्न है हर ओर खुशहाली छाई है बड़ी-बड़ी कुर्बानियां देकर हमने यह आजादी पाई है पीढ़ीदर पीढ़ी गुलामी की बेड़ियां सही हमारे पुरखों ने जाने क्या-क्या यातनाएं पीड़ायॆंसही हमारे पुरखों ने जाने कितने