रक्षा
रविवार छुट्टी के दिन खूब धमा चौकडी रही। मेहमानों का तांता रहा। बच्चों को पढाई से अवकाश मिला। खेल, कूद और मस्ती। कुछ और क्या चाहिए बच्चों को। कौन बच्चा पढना चाहता है, रविवार या छुट्टी के दिन। मेहमानों के आगे तो मां बाप की बोलती बंद हो जाती है, उनकी क्या मजाल, कि बच्चों को पढनें को कहे। वैसे सबकी भलाई