दुनिया भर में Facebook के बढ़ते प्रभाव के साथ ही, मंच में सरकारों के हस्तक्षेप भी तेजी से बढ़ रहें हैं | भारत भी इसमें कोई अपवाद नहीं है और सामग्री प्रतिबंध के लिए आग्रह की संख्या तेजी से बढ़ी है | पिछले छ: महीनों में भारत सामग्री प्रतिबंध को लेकर दूसरे सर्वोच्च निवेदक के तौर पर सामने आया है |
पिछले छ: महीनों में भारत द्वारा Facebook पर सामग्री प्रतिबन्ध को लेकर कुल 6324 अनुरोध किएँ गयें हैं | इस अनुसार, अनुरोधों की संख्या के मामले में, भारत अब केवल संयुक्त राज्य अमेरिका से ही पीछे है |
Facebook की वैश्विक नीति प्रमुख Monika Bickert ने ET को कहा था,
“ हमनें हमारी प्रक्रिया को बदला है, तो अब, इससे पहले कि हम अप्रिय सामग्री को भारत में प्रतिबंधित करें, इसके पहले यह जरुरी है कि सरकार हमें कानूनी प्रक्रिया के तहत नोटिस दे जिसको हमारी कानूनी टीमों द्वारा जाँचा जाएगा, और यदि कोई गैर सरकारी संगठन या कोई विरोध करे, तो हम सामग्री को प्रतिबंधित नहीं कर करेंगे ”
Facebook के डिप्टी जनरल काउंसल, Chris Sonderby के अनुसार,
“ सरकारों द्वारा सामग्री प्रतिबंध के अनुरोधों की संख्या 2015 की तुलना में वैश्विक स्तर पर 27% बढ़ गई है, अनुरोधों की संख्या 46,710 से बढ़कर 59,229 हो गई है ”
हम कानूनी प्रचुरता के लिए प्रत्येक अनुरोध की जांच करते हैं और इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि किस देश ने ऐसा अनुरोध किया है, हम ‘पीछे के दरवाजे’ या किसी भी तरीके से लोगों की जानकारी सरकारों को यूँ ही प्रदान नहीं करते हैं ”
खैर ! यह तो तय है कि चीन जैसे देशों का नाम इस सूची से नदारद है, और उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि 2009 ने ही चीन में Facebook बैन कर दिया गया था |