दुःख लाखों सहे,
आंधी और तूफान मिले।
झूठ कलह ने आ घेरा,
आलस, प्रमाद का अंधेरा।
पथ में अंगार जले,
सज्जन को शूल मिले।
असुर क्रोध भारी था,
अत्याचार जारी था।
फिर भी अमिट नाम है,
मेरा भारत महान है।
9-01-2022 दीनानाथ सागर
8707526535
31 अक्टूबर 2022
दुःख लाखों सहे,
आंधी और तूफान मिले।
झूठ कलह ने आ घेरा,
आलस, प्रमाद का अंधेरा।
पथ में अंगार जले,
सज्जन को शूल मिले।
असुर क्रोध भारी था,
अत्याचार जारी था।
फिर भी अमिट नाम है,
मेरा भारत महान है।
9-01-2022 दीनानाथ सागर
8707526535