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जब कोई सीमा तोड़ी जाती है

7 अक्टूबर 2022

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जब कोई सीमा तोड़ी जाती, 

मन में चंचलता तब आती। 

दुख, ईर्ष्या, क्रोध, हताशा,    

साथ में आती निराशा। 

सेवा, मित्रता, दया, 

स्वभाव तुम्हारा  बने। 

हम कुछ नहीं की समझ, 

अपनापन का भाव लाती। 

                      दीनानाथ सागर  

                      मो0  8707526535 

                   समय11. 40 दोपहर  दिनांक   07. 10. 2022    


                                 

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जब कोई सीमा तोड़ी जाती,  मन में चंचलता तब आती।  दुख, ईर्ष्या, क्रोध, हताशा,     साथ में आती निराशा।  सेवा, मित्रता, दया,  स्वभाव तुम्हारा  बने।  हम कुछ नहीं की समझ,  अपनापन का भाव लाती।       

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गजल

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दुनिया की अजब यहां तश्वीर है, गमों से भरी हुयी यहां जिंदगी है। प्यार करने वाले यहां प्यार कर न सके, लूटने को अब यहां जिंदगी है। दो कदम जो भी साथ साथ चले, बिछड़ने को अब उनकी यहां जिंदगी है। हाल क

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बच्चे है तो उनका भविष्य न बिगड़ने पाए, टूटते रिश्तों में सुलह की कोशिश की जाए . मिट सकती है कठिनाईयां जो रास्ते का रोड़ा बनी, सिर्फ आधी नहीं पूरी कोशिश की जाए . नहीं टूट सकते है जो देखे तूने सपने,

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मेरा भारत महान है

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दुःख लाखों सहे, आंधी और तूफान मिले। झूठ कलह ने आ घेरा, आलस, प्रमाद का अंधेरा। पथ में अंगार जले, सज्जन को शूल मिले। असुर क्रोध भारी था, अत्याचार जारी था। फिर भी अमिट नाम है, मेरा भारत महान है।

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