जब कोई सीमा तोड़ी जाती,
मन में चंचलता तब आती।
दुख, ईर्ष्या, क्रोध, हताशा,
साथ में आती निराशा।
सेवा, मित्रता, दया,
स्वभाव तुम्हारा बने।
हम कुछ नहीं की समझ,
अपनापन का भाव लाती।
दीनानाथ सागर
मो0 8707526535
समय11. 40 दोपहर दिनांक 07. 10. 2022
7 अक्टूबर 2022
जब कोई सीमा तोड़ी जाती,
मन में चंचलता तब आती।
दुख, ईर्ष्या, क्रोध, हताशा,
साथ में आती निराशा।
सेवा, मित्रता, दया,
स्वभाव तुम्हारा बने।
हम कुछ नहीं की समझ,
अपनापन का भाव लाती।
दीनानाथ सागर
मो0 8707526535
समय11. 40 दोपहर दिनांक 07. 10. 2022