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जब कोई सीमा तोड़ी जाती है

7 अक्टूबर 2022

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जब कोई सीमा तोड़ी जाती, 

मन में चंचलता तब आती। 

दुख, ईर्ष्या, क्रोध, हताशा,    

साथ में आती निराशा। 

सेवा, मित्रता, दया, 

स्वभाव तुम्हारा  बने। 

हम कुछ नहीं की समझ, 

अपनापन का भाव लाती। 

                      दीनानाथ सागर  

                      मो0  8707526535 

                   समय11. 40 दोपहर  दिनांक   07. 10. 2022    


                                 

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दुःख लाखों सहे, आंधी और तूफान मिले। झूठ कलह ने आ घेरा, आलस, प्रमाद का अंधेरा। पथ में अंगार जले, सज्जन को शूल मिले। असुर क्रोध भारी था, अत्याचार जारी था। फिर भी अमिट नाम है, मेरा भारत महान है।

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