मेरी कविताएं ही मेरी दौलत है,
मेरी हस्ती इन्हीं की बदौलत है।
इनके हर हर्फ को मैंने खूबसूरती से चुना है,
फिर जीवन के एहसासों के धागों में बुना है।
अनुभवों को एक लय में पिरोया है,
छोटे-छोटे किस्सों को अलग शीर्षक में संजोया है।
हर मौसम, हर माहौल पर लिखी हैं कविताएं मैंने,
कलम से कागज पर बिखेरी है अदाएं मैंने।
जीवन के हर पहलू पर कलम चलाई है,
सामाजिक मुद्दों पर आवाज़ उठाई है।
इश्क-मोहब्बत, रूठना-मनाना सब पर कुछ ना कुछ लिखा है,
ब्रेकअप का दर्द भी मेरी कलम से कहां छुपा है।
दर्द की स्याही में हर शब्द को डुबोया है,
इनकी गहराई में डूबने वाला, हर शख्स बहुत रोया है।
जीवन के जिन स्याह पहलुओं पर लोग बात करने से कतराते हैं,
मेरी कविताओं के हर शब्द उन लोगों की मानसिकता से टकराते हैं।
हास्य का तड़का भी मेरी कविताओं में धुआंधार है, क़ाफिया और रदीफ़ इनमें वज़नदार है।